भरतपुर: भरतपुर का नाम सुनते ही जिस खास मिठाई की याद आती है वो आपको राजस्थान में और कहीं नहीं मिलेगी. इस मिठाई का स्वाद और इसकी खासियत भरतपुर की पहचान है. यह मिठाई खाने में जितनी मुलायम होती है उतनी ही स्वादिष्ट भी होती है. इसकी मिठास और नरमाहट एक अलग अनुभव देती है. यह मिठाई भरतपुर के नगर में बनाई जाती है जिसे जलेवा के नाम से जाना जाता है.
मेवात क्षेत्र में कभी फेमस है यह मिठाई
यह मिठाई भरतपुर के मेवात क्षेत्र में काफी लोकप्रिय है. शादी ब्याह में विशेष मिठाई के तौर पर इसे बनाया जाता है. यह मिठाई मुख्य रूप से भरतपुर के नगर शहर के अलावा आपको पूरे राजस्थान में और कहीं नहीं मिलेगी. इस मिठाई को मेवात क्षेत्र में काफी लोकप्रिय मिठाई माना जाता है. यह मेवाती लोगों की विशेष और खास मिठाई होती है जो अपने रसीले स्वाद के लिए पूरे मेवात क्षेत्र में फेमस है.
इस प्रकार से तैयार की जाती है नगर की फेमस मिठाई
जलेवा बनाने वाले हलवाई ओमकार ने Bharat.one को बताया की जलेवा बनाने की प्रक्रिया भी उतनी ही खास है जितना इसका स्वाद है. इसको शुद्ध तेल घी, मैदा, चीनी और दूध से तैयार किया जाता है. ओमकार बताते हैं कि इस मिठाई को बनाने के लिए एक दिन पहले मैदे को गर्म पानी से लगाया (घोला )जाता है. जब यह अच्छे से तैयार हो जाता है फिर एक कपड़े द्वारा इस घोल को डालकर के धीमी आंच में तेल या घी में पकाया जाता है. जब यह अच्छी तरह से पक जाते हैं उसके बाद इनको चीनी की सीरे में डुबोया जाता है जिससे इसमें मिठास आ जाती है. इस पूरी प्रक्रिया को धैर्य और कुशलता के साथ बनाया जाता है जिससे जलेवा स्वादिष्ट और मुलायम बनता है.
अलग-अलग होता है इस मिठाई का भाव
भरतपुर के नगर में स्थित मिठाई की दुकानें इस मिठाई को विशेष रूप से तैयार करती हैं. यहां आने वाले लोग इसे विशेष रूप से इसका स्वाद लेते हैं और खरीदते हैं. यह मिठाई पूरे राजस्थान में अपनी खास पहचान रखती है और इसे आप भरतपुर के अलावा कहीं और नहीं खा पाएंगे. इस मिठाई का भाव अलग-अलग होता है. इसका रेट 60 रुपए प्रति किलो से लेकर घी में बनी हुई जलेवा का भाव 300 से 350 रुपए प्रति किलो रहता है.
FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 21:46 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-bharatpurs-jalewa-is-famous-apart-from-here-you-will-not-get-this-special-sweet-anywhere-in-rajasthan-local18-8686605.html