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पितृदोष से पाना चाहते हैं मुक्ति? पितृपक्ष है सबसे अच्छा समय, अपनाएं ये सरल और अचूक उपाय


हाइलाइट्स

जब आप पितरों को तर्पण करते हैं तो उन्हें भोजन और जल की प्राप्ति होती है. मान्यताओं के अनुसार, कौओं को पितरों का प्रतीक माना जाता है.

Pitru Paksha 2024 Upay : पितृपक्ष या श्राद्ध पक्ष की शुरुआत मंगलवार 17 सितंबर से हो चुकी है. इन दिनों में लोग तिथि के अनुसार अपने ​पितरों का श्राद्ध करते हैं और तर्पण करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में पितृ धरती पर आते हैं और अपने परिवार के आसपास होते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब आप पितरों को तर्पण करते हैं तो उन्हें भोजन और जल की प्राप्ति होती है. ऐसे में वे आप अपनी कृपा बरसाते हैं. वहीं यदि पितर किसी कारण से आप से नाराज हैं तो पितृपक्ष के दौरान आप कुछ आसान उपायों से पितृदोष से मुक्ति पा सकते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

1. कौवों को खाना रखें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कौओं को पितरों का प्रतीक माना जाता है और इसलिए ऐसा कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान कौओं को खाना खिलाने से पितर खुश होते हैं. साथ ही ऐसा करने से सभी प्रकार के दोष और ऋण से आपको मुक्ति मिल जाती है क्योंकि, इन दिनों मादा कौआ बच्चों को जन्म देने वाली होती है और उसे पौष्टिक आहार की जरूरत भी होती है जिसकी पूर्ति आपके भोजन देने से हो जाती है.

2. पितृपक्ष में इन वृक्षों की पूजा करें
पितृपक्ष के दौरान आपको पीपल और बरगद के वृक्षों की पूजा करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि, हर किसी व्यक्ति पर प्रकृति का ऋण होता है और जब आप वृक्षों की पूजा करते हैं तो किसी ना किसी तरह आप प्र​कृति का ऋण उतार रहे होते हैं.

3. पितृदोष दूर करने के उपाय
पितृपक्ष के दौरान आप ग्रहों की शांति के लिए खीर बनाएं, ध्यान रहे इसमें आप केसर जरूर डालें और फिर इसका दान करें. ऐसा करने से आपकी कुंडली में पितृदोष दूर होता है. इसके अलावा आप काले तिल वाला पानी दक्षिण दिशा में रखें.

इन तिथियों में करें श्राद्ध
1. यदि आपके पितरों की मृत्यु पंचमी तिथि को हुई है तो आप पंचमी पर उनका श्राद्ध करें.
2. नवमीं तिथि के दिन श्राद्ध करने से सभी प्रकार की दिवंगत महिलाओं का श्राद्ध होना माना जाता है.
3. यदि किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु होती है तो आप चतुर्दशी तिथि के दिन श्राद्ध करें.
4. वहीं यदि आपको अपने पितरों की मृत्यु की तिथि की जानकारी नहीं है तो आप उनका श्राद्ध अमावस्या को कर सकते हैं.

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