औरंगाबाद: औरंगाबाद ज़िले का देव, जहां स्थित प्रसिद्ध चपचपवा चाट का स्वाद चखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. इस चटपटे चाट का स्वाद पिछले 50 वर्षों से बरकरार है, जो यहां आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए एक यादगार अनुभव बन जाता है. चपचपवा चाट बेचने वाले कुमकुम चौरसिया बताते हैं कि यह चाट उनके पिता, जगरनाथ चौरसिया द्वारा शुरू की गई थी. वे दिल्ली में नौकरी करते थे, लेकिन खर्चे पूरे नहीं होने के कारण गांव वापस लौट आए और उन्होंने इसका बिजनेस का शुरु कर दिया. पिछले 12 वर्षों से कुमकुम चौरसिया इस दुकान को संभाल रहे हैं. ओर आज भी लोगों को वहीं टेस्ट दे रहे है जो 50 साल पहले था.
जानिए इसको बनाने की रेसिपी
चपचपवा चाट की खासियत इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों में है. दहीबड़ा, आलू कटलेट, समोसा, आलू चाप और चना की सब्जी को मिलाकर यह चाट तैयार होती है. इस चाट का मुख्य आकर्षण तिसी का तेल है, जिसमें इसे फ्राई किया जाता है. कुमकुम चौरसिया बताते हैं कि इसमें उरीद, बेसन और चना दाल का भी उपयोग होता है, जो इसे खास बनाता है. हर दिन 500 से अधिक प्लेट चाट बेची जाती है.
सैकड़ों लोग चखते हैं चपचपवा का स्वाद
देव के इस चटपटे चाट का स्वाद चखने के लिए जिले के कोने-कोने से सैकड़ों लोग आते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि चपचपवा चाट का स्वाद पूरे बिहार में कहीं और नहीं मिलेगा. हालांकि कई लोगों ने इसे देखकर अपनी दुकानें खोली हैं, लेकिन यहां के चाट के स्वाद की कोई बराबरी नहीं कर सका है. चपचपवा का स्वाद खाने के लिए कई बार दूसरे जिले के लोग भी पहुंचते है. अपने स्वाद के चलते इसका क्रेज पिछले काफी सालों से बना हुआ है.
FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 09:17 IST
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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/recipe-50-years-the-taste-of-this-chapchapawa-chaat-has-been-unmatched-people-come-from-far-and-wide-to-eat-it-local18-8730485.html