जालौर : जालौर जिले के आहोर कस्बे की एक खास मिठाई, गाय के दूध से बनी रबड़ी, अपनी अनूठी मिठास और बेहतरीन स्वाद के कारण राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी है. इस रबड़ी को राठी परिवार ने पीढ़ियों से तैयार किया है, और अब यह पूरे जिले के बाहर भी मशहूर हो गई है.
आहोर में स्थित राठी मिष्ठान भंडार, जो राजकीय अस्पताल के सामने मुख्य सड़क पर है, इस स्वादिष्ट रबड़ी का प्रमुख केंद्र है. दूर-दूर से लोग यहां सिर्फ इस रबड़ी का स्वाद चखने के लिए आते हैं. हालांकि अन्य मिठाई की दुकानों पर भी रबड़ी मिलती है, लेकिन आहोर की रबड़ी अपने खास स्वाद के लिए जानी जाती है.
राठी मिष्ठान भंडार के मालिक मुकेश कुमार राठी ने बताया कि उनका प्रतिष्ठान 125 वर्षों पुराना है, जिसे उनके परदादा ने शुरू किया था. यहां हर दिन 12 से 15 किलो रबड़ी तैयार की जाती है, जिसे विशेषतौर पर शादी और अन्य समारोहों के लिए ऑर्डर पर बनाया जाता है. इस रबड़ी की कीमत 450 रुपये प्रति किलो है, जिसमें 4½ किलो रबड़ी में लगभग 350 ग्राम चीनी मिलाई जाती है.
पूरे जालौर जिले में इस रबड़ी की भारी प्रशंसा होती है, और यह न केवल स्थानीय बल्कि राज्य के बड़े नेताओं का भी पसंदीदा व्यंजन है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई प्रमुख हस्तियों ने इस रबड़ी का आनंद लिया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आहोर की रबड़ी आबूरोड की रबड़ी से भी ज्यादा स्वादिष्ट है, और इसका स्वाद एक बार चखने के बाद कोई नहीं भूल सकता.
रबड़ी बनाने की विशेष प्रक्रिया
रबड़ी बनाने के लिए लगभग 18 से 20 किलो गाय के दूध को धीमी आंच पर घंटों उबाला जाता है, जिससे उसकी मलाई कढ़ाई के चारों ओर जमती जाती है. जब दूध पूरी तरह से पककर गाढ़ा हो जाता है, तब उस मलाई को दूध में मिलाकर तैयार किया जाता है. इसके बाद इस मिश्रण को ठंडा करके फ्रिज में रखा जाता है, जिससे इसका स्वाद और बढ़ जाता है.
125 वर्षों की इस परंपरा और खास स्वाद ने आहोर की रबड़ी को न केवल जालौर जिले में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक विशिष्ट मिठाई के रूप में स्थापित कर दिया है.
FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 17:44 IST
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