Navratri 2024 Numerology Upay: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुके हैं और इन दिनों मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना के साथ व्रत उपवास भी किया जाता है. जिस प्रकार नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की अलग-अलग शक्तियों की पूजा-अर्चना की जाती है, ठीक उसी तरह 9 दिनों में माता का भोग भी अलग-अलग लगाया जाता है. नवरात्रि में आप अपने मूलांक के अनुसार माता का मनपसंद भोग लगाकर प्रसाद सभी को वितरण करने से आपके जीवन में हर तरह की समस्या का अंत होता है और मनोकामना की पूर्ति होती है.
नवरात्रि का दूसरा दिन
नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है. ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं. इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिप्टी हुई कन्या के रूप में है, जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे हाथ में कमंडल है. शास्त्रों में बताया गया है कि मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया और महर्षि नारद के कहने पर अपने जीवन में भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी.
हजारों वर्षों तक अपनी कठिन तपस्या के कारण ही इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा. अपनी इस तपस्या की अवधि में इन्होंने कई वर्षों तक निराहार रहकर और अत्यन्त कठिन तप से महादेव को प्रसन्न कर लिया. उनके इसी तप के प्रतीक के रूप में नवरात्र के दूसरे दिन इनके इसी रूप की पूजा और स्तवन किया जाता है.
मूलांक 2 वाले जातक करें ये उपाय
1- इस दिन मूलांक 2 वालों के मां को मां ब्रह्मचारिणी को चीनी या गुड़ का भोग लगाने से अकाल मृत्यु का संकट दूर होता है और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है.
2- मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बनी चीज़ें बहुत पसंद हैं.
3- मूलांक 2 के जातकों को आज खिरनी का पौधा लगाना चाहिए और इसकी देखभाल करनी चाहिए.
माता की पूजा और भोग में यह पढ़ें मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा .
ऐसे निकालें मूलांक
जिस तरह हर व्यक्ति के नाम के अनुसार राशि होती है, उसी तरह उस व्यक्ति की जन्म तारीख से उसके जन्म का अंक यानी जन्मांक होता है, जिसको मूलांक कहते हैं. इसको अंग्रेजी में ड्राइवर नंबर या पर्सनेलिटी नंबर भी कहते हैं. हर ग्रह का एक नंबर होता है जो आपके मूलांक के रूप में उस ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है. आपके जीवन में उस ग्रह की छाप बनी रहती है. ज्योतिषशास्त्र की तरह अंक ज्योतिष से भी जातक के भविष्य, स्वभाव और व्यक्तित्व का पता लगता है.
अंक शास्त्र के अनुसार, अपने नंबर निकालने के लिए आप अपनी जन्म तिथि, महीने और वर्ष को इकाई अंक तक जोड़ें और तब जो संख्या आएगी, वही आपका भाग्यांक होगा और जन्म तारीख अंकों को जोड़ने पर उस जातक का मूलांक प्राप्त होता है. उदाहरण के तौर पर किसी भी महीने के 2, 11,20 तथा 29 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 2 होगा.
FIRST PUBLISHED : October 4, 2024, 07:40 IST
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