Saturday, September 27, 2025
27.8 C
Surat

Navratri: इस बार अष्टमी-नवमी पर ‘महा कन्फ्यूजन’, व्रत-पारण में हो सकता है धोखा, समझें पूरा गणित


देवघर: शारदिया नवरात्रि में इस बार अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर बड़ा कंफ्यूजन बना हुआ है. 12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा, जबकि अष्टमी शुक्रवार यानी 11 अक्टूबर को है. ऐसे में सवाल उठता है कि नवमी कब मानी जाएगी? तिथि के इस संशय की वजह अष्टमी का व्रत करने वाले साधक भी परेशान हैं.

नवरात्रि में कई साधक पूरे नौ दिन व्रत करते हैं और दशमी को पारण करते हैं, जबकि कुछ भक्त अष्टमी का व्रत करते हैं और नवमी को पारण करते हैं. ऐसे में अष्टमी का व्रत रहने वाले तिथि को लेकर खासे कंफ्यूज हैं. वहीं, शास्त्रों में अष्टमी-नवमी के व्रत को ही शुभ माना गया है, लेकिन जो स्थिति बनी है, इसमें तमाम लोग भूलवश सप्तमी के दिन अष्टमी का व्रत कर सकते हैं. ऐसे में ज्योतिषाचार्य की ये राय आपके बड़ी काम आने वाली है.

उदया तिथि का करें पालन
देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नन्द किशोर मुदगल ने Bharat.one को बताया कि इस साल 3 अक्टूबर से नवरात्रि प्रारंभ हो चुकी है और समापन 12 अक्टूबर को होगा. नवरात्रि में तिथि और नक्षत्र देखकर ही माता दुर्गा का पूजन शुभ माना जाता है. साथ ही सनातन धर्म में उदया तिथि का खास महत्व होता है, इसलिए उदया तिथि को मानते हुए तिथि का व्रत और पारण करना चाहिए.

10-11 या 11-12 कब है अष्टमी-नवमी?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल सप्तमी के दिन गुरुवार यानी 10 अक्टूबर को नवपत्रिका प्रवेश होने जा रहा है, जिसके कारण अगले दिन शुक्रवार 11 अक्टूबर को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा. लेकिन, शुक्रवार को अष्टमी सुबह 6 बजकर 52 मिनट तक ही है. इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ हो रही है. हालांकि, उदया तिथि के अनुसार महाष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा और व्रत का पारण अगले दिन यानी 12 अक्टूबर नवमी को सुबह 06 बजकर 52 मिनट से पहले कर लें. ऐसे में अष्टमी-नवमी 11-12 को है.

सप्तमी युक्त अष्टमी का व्रत निषेध
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस साल अष्टमी दो दिन पड़ने जा रही है. 10 अक्टूबर को सप्तमी तिथि के दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक है. उसके बाद अष्टमी तिथि प्रारंभ हो रही है. अष्टमी तिथि अगले दिन यानी 11 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक रहने वाली है. लेकिन, 10 अक्टूबर को इसलिए अष्टमी का व्रत न करें क्योंकि सप्तमी युक्त अष्टमी तिथि व्रत निषेध माना गया है. हमेशा अष्टमी युक्त नवमी तिथि का ही व्रत करना चाहिए. सूर्योदय के बाद नवमी में व्रत का पारण करना चाहिए. इस साल 11 अक्टूबर को अष्टमी युक्त नवमी है. क्योंकि, नवमी 12 अक्टूबर सुबह 06 बजकर 52 मिनट तक रहेगी, इसलिए आप सुबह अष्टमी व्रत का पारण कर सकते हैं.

12 अक्टूबर को ही विजयादशमी का पारण
कई भक्त लगातार 9 दिनों तक नवरात्रि का व्रत रखते हैं. विजयादशमी के दिन व्रत का पारण करते हैं. इस साल 12 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 52 मिनट के बाद दशमी तिथि प्रारंभ हो रही है, इसलिए नवरात्रि में नौ दिनों के व्रत का पारण 12 अक्टूबर को 06 बजकर 52 मिनट के बाद दशमी तिथि में कर लें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Topics

aaj ka Vrishchik rashifal 28 September 2025 Scorpio horoscope in hindi

Last Updated:September 28, 2025, 00:07 ISTAaj ka Vrishchik...

darbhanga 100 year old elephant tusk durga idol

Last Updated:September 27, 2025, 18:53 ISTDurga Puja 2025:...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img