बागपत: बागपत के इस प्राचीन मंदिर की विशेष मान्यता है. यह 1500 वर्ष पुराना नागा साधुओं द्वारा बनाया गया शिव मंदिर है. इस मंदिर को नागा साधुओं ने बनवाया था और यहां रहकर पूजा अर्चना की थी. तभी से इस मंदिर की विशेष मान्यता है. दूर-दराज से यहां लोग पहुंचकर शिव की भक्ति करते हैं और यहां पहुंचने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है. यह शिव भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. इस मंदिर में पहुंच कर पूजा-अर्चना करने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है और मुराद पूरी होने के पश्चात यहां भंडारे और प्रसाद का वितरण कराया जाता है. इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं. यहां सावन और फाल्गुन मास में शिव भक्त उमड़ते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.
शिव मंदिर के मुख्य पुजारी रमाकांत द्विवेदी ने बताया कि यह मंदिर नागा साधुओं द्वारा करीब 1500 वर्ष पूर्व बनाया गया था. तभी से यह मंदिर भक्तों की आस्था का एक बड़ा केंद्र है. यहां देश के कोने-कोने से शिव भक्त पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं. यहां पूजा अर्चना करने वाले हर भक्त की मुराद पूरी होती है और मुराद पूरी होने के बाद यहां पर प्रसाद वितरण किया जाता है. इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की मूर्तियां मौजूद हैं. यहां सावन और फाल्गुन मास में शिव भक्त उमड़ते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.यहां सच्चे मन से की गई आराधना पर मन की मुराद पूरी होती है.
रमाकांत द्विवेदी ने बताया कि यहां दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व आसपास के सभी जगहो से शिव भक्त पहुंचते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं. यहां सच्चे मन से की गई आराधना पर मन की मुराद पूरी होती है. मन की मुराद पूरी होने के बाद यहां शिवभक्त आकर प्रसाद का वितरण करते हैं. यह शिव भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है.
FIRST PUBLISHED : October 14, 2024, 16:36 IST
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