उज्जैन. आज भी एक खगोलीय घटना होने वाली है. शरदोत्सव के अवसर पर आज साल का सबसे नजदीकी सुपरमून (शरदसुपरमून) दिखाई देगा. चंद्रमा अपनी चमक और आकार से सभी को आकर्षित करेगा. इसे हंटर मून भी कहते हैं. आइए जानते हैं जीवाजी वेधशाला के अधिष्क डॉ. राजेंद्र प्रसाद से…
क्या है शरदसुपरमून की विशेषताएं
आज रात चंद्रमा पृथ्वी से मात्र 3 लाख 57 हजार 3 सौ 64 किमी की दूरी पर होगा. यह साल का सबसे नजदीकी सुपरमून होगा. चंद्रमा 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखेगा. पश्चिमी देशों में इसे हंटर मून कहा जाता है.
सुपरमून का समय
भारत के समयानुसार दोपहर बाद 4:56 मिनट पर यह सबसे निकट बिंदु पर आएगा. लगभग 1 घंटे बाद यह पूर्व दिशा में शरदसुपरमून के रूप में उदित होगा. रात भर आकाश में अपनी चांदनी बिखेरेगा.
क्या है सुपरमून
पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता चंद्रमा गोलाकार पथ में नहीं घूमता, बल्कि अंडाकार पथ में चक्कर लगाता है. इसकी पृथ्वी से दूरी बढ़कर कभी 406,700 किमी हो जाती है तो कभी यह 356,500 किमी तक पास भी आ जाता है. जब चंद्रमा पृथ्वी के पास आता है और उस समय पूर्णिमा होती है, तो चंद्रमा लगभग 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत अधिक चमकदार दिखाई देता है.
स साल के तीन सुपरमून
– 19 अगस्त: 361,970 किमी
– 17 सितंबर: 357,486 किमी
– 17 अक्टूबर: 357,364 किमी
उज्जैन में भी है यंत्र-महल
धार्मिक नगरी उज्जैन में एक वेधशाला है, लोग इसे ‘यंत्र-महल’ के नाम से जानते हैं. वह वेधशाला उज्जैन के दक्षिण में शिप्रा नदी के दक्षिण तट के उन्नत भू-भाग पर स्थित है जो चिंतामन रोड पर है. पुरातन काल में उज्जैन ज्योतिष-विद्या का प्रमुख केंद्र स्थल रहा है, जिसे देखने देश विदेश के पर्यटक उज्जैन आते हैं. कभी दुनिया का समय यहां से तय होता था.
FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 15:50 IST