Sunday, September 28, 2025
26 C
Surat

Bhaum Pradosh Vrat 2024 Date: कब है कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत? ढाई घंटे शिव पूजा मुहूर्त, बनेंगे 3 शुभ संयोग, जानें महत्व


कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. उस दिन मंगलवार है, इस वजह से यह भौम प्रदोष व्रत है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह अक्टूबर माह का अंतिम प्रदोष व्रत है. पंचांग के अनुसार, एक माह में दो प्रदोष व्रत आते हैं. पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और दूसरा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा सूर्यास्त के बाद होती है. इस बार भौम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए आपको ढाई घंटे का समय मिलेगा. पूजा के समय हस्त नक्षत्र है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत या भौम प्रदोष व्रत कब है? भौम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत 2024
दृक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगा और इसका समापन 30 अक्टूबर को दोपहर में 1 बजकर 15 मिनट पर होगा. प्रदोष पूजा मुहूर्त के आधार पर कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत यानी भौम प्रदोष व्रत 29 अक्टूबर को रखा जाएगा.

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को धनत्रयोदशी का भी पर्व मनाते हैं, जिसमें धनतेरस के नाम से भी जानते हैं. भौम प्रदोष के साथ धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा.

भौम प्रदोष 2024 पूजा मुहूर्त
29 अक्टूबर को भौम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 38 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 13 मिनट तक है. उस दिन आपको शिव पूजा के लिए 2 घंटा 35 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा. भौम प्रदोष की पूजा हस्त नक्षत्र में होगी.

भौम प्रदोष के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:48 ए एम से 05:40 ए एम तक है. इस समय में आपको स्नान आदि से निवृत हो जाना चाहिए. उस दिन का शुभ समय यानी अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 42 ए एम से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक है.

3 शुभ संयोग में है भौम प्रदोष व्रत 2024
इस बार के भौम प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. भौम प्रदोष पर त्रिपुष्कर योग सुबह में 6 बजकर 31 मिनट से बनेगा, जो दिन में 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. वहीं इंद्र योग प्रात:काल से लेकर सुबह 7 बजकर 48 मिनट तक है. उसके बाद वैधृति योग है. व्रत के दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र सुबह से शाम 6 बजकर 34 मिनट तक है. उसके बाद से हस्त नक्षत्र है, जो पूरी रात है. इसके अलावा भौम प्रदोष के दिन मंगलवार व्रत है, जो शिव के अंश हनुमान जी के लिए रखते हैं.

भौम प्रदोष व्रत का महत्व
प्रदोष व्रत और शिव पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर होते हैं और पाप मिट जाते हैं. रोग और दोष से मुक्ति मिलती है. शिव कृपा से व्यक्ति को सभी सुखों की प्राप्ति होती है.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/bhaum-pradosh-vrat-2024-date-muhurat-2-hours-35-minutes-for-shiv-puja-3-shubh-sanyog-importance-8781027.html

Hot this week

Topics

Know the benefits of Neem leaves and the right way to use it. – Uttar Pradesh News

Last Updated:September 28, 2025, 12:59 ISTनीम की पत्तियां...

नवरात्रि व्रत में एनर्जी के लिए खाएं कुट्टू, सिंघाड़ा, राजगिरा आटा

गाजीपुर: नवरात्रि के दिनों में कई भक्त सिर्फ...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img