पलामू: झारखंड को जंगल झाड़ के कारण यह नाम मिला है. यह राज्य वनों और जंगलों के बड़े भूभाग में फैला हुआ है. यहां के जंगलों में कई दुर्लभ पेड़-पौधे हैं जो औषधि के समान हैं. बरसात के मौसम के बाद एक पौधा खिलता है जो खेत, जंगल, और सड़क किनारे भी दिखता है. इसे वन तुलसी के नाम से जाना जाता है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. ठंड के मौसम में यह पौधा और फूल दिखता है और इसके फूलों की खुशबू से वातावरण महक उठता है. इसके पत्ते और फूल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि बनाने में होता है. आयुर्वेद में तुलसी नामक जितने भी तेल या औषधि बनते हैं, उनमें इस वन तुलसी का प्रयोग होता है.
वन तुलसी के लाभ
आयुर्वेद के जानकार शिव कुमार पांडे ने लोकल18 को बताया कि वन तुलसी प्राचीन समय का महान औषधि है, जिसके प्रयोग से कई रोग ठीक होते हैं. आजकल लोग रामा तुलसी और श्यामा तुलसी के बारे में जानते हैं, जिनकी पूजा लगभग हर घर में होती है. मगर वन तुलसी उसी प्रजाति की है और सर्दी, खांसी में लाभदायक होती है. इसका नियमित सेवन करने से चर्म रोग से भी लाभ मिलता है. इसकी प्रकृति गर्म होती है, इस कारण यह दमा, गठिया, और सायटिका में भी लाभ देती है. यह कीटाणुनाशक भी होती है.
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वन तुलसी का उपयोग
इसके पत्तों को तोड़कर धोकर सेवन किया जा सकता है, या पत्तों का काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है. वन तुलसी के पत्ते का प्रयोग चाय में भी किया जा सकता है. बाजार में वन तुलसी के कई तरह के तेल और च्यवनप्राश मिलते हैं. प्राचीन समय में इसका च्यवनप्राश तैयार किया जाता था, जो बेहद लाभदायक होता है. इस पौधे का उपयोग कई चीज़ों में किया जाता है.
FIRST PUBLISHED : October 21, 2024, 10:59 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
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