हरिद्वार: साल 2024 में कार्तिक मास का पहला प्रदोष व्रत 29 अक्टूबर को विधि-विधान से करने पर विशेष लाभ मिलेगा. वैदिक पंचांग के अनुसार, हर महीने दो बार प्रदोष व्रत आता है और साल में 24 प्रदोष व्रत किए जाते हैं, जो भगवान शिव को समर्पित होते हैं. ज्योतिषीय दृष्टि से, कार्तिक मास का कृष्ण पक्ष का यह प्रदोष व्रत अत्यधिक शुभ और फलदायी बताया जा रहा है. हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, 29 अक्टूबर को प्रदोष व्रत का पालन करने से भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा से जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली प्राप्त होगी.
भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत
पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि 29 अक्टूबर को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष का पहला प्रदोष व्रत किया जाएगा, जो सबसे अधिक फलदायी माना जाता है. इस दिन शाम को भगवान शिव का दूध, दही, घी, मक्खन, बिल्व पत्र, और शहद से अभिषेक करने पर व्यापार में वृद्धि, सकारात्मकता का संचार और नौकरी में प्रमोशन जैसी कई लाभकारी परिणाम मिल सकते हैं. ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से भी मुक्ति मिलती है.
प्रदोष व्रत के हजार गुना फल का महत्त्व
29 अक्टूबर को इस विशेष प्रदोष व्रत पर “शिव महिम्न स्तोत्र” का पाठ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में दुख और परेशानियों को दूर करती है. यह व्रत उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, पुष्कर योग, इंद्र योग और हस्त नक्षत्र में आने से इसका फल हजार गुना बढ़ जाता है. 29 अक्टूबर को प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त सुबह 10:32 से शुरू होकर अगले दिन दोपहर 1:15 तक रहेगा.
अधिक जानकारी के लिए: हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क किया जा सकता है.
FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 08:44 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.







