Airport News: अपना मंसूबा पूरा करने के लिए एक शख्स ने ऐसी साजिश रची, जिसका खुलासा होने के बाद दिल्ली एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात तमाम सुरक्षा एजेंसिया भौचक्का रह गईं. मामले की गंभीरता को देखते हुए इस मामले की जांच इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुलिस को सौंपी गई. इस मामले की जांच में एयरपोर्ट पुलिस परत दर परत कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं. इस मामले में पंजाब, हरियाणा और गुजरात से अब तक कुल आठ गिरफ्तारियां हो चुकी है. संभव है कि इस मामले में जल्द ही कुछ और भी गिरफ्तारियां हों.
आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, इस मामले में अभी तक जिन आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान कुलदीप (जींद, हरियाणा), प्रतीक शाह ( सूरत, गुजरात), गौरव (करनाल, हरियाणा), नितिन शर्मा (गुरु तेग बहादुर नगर, पंजाब), सरबजीत कौर (मोहाली, पंजाब), गगनदीप (मोहाली, पंजाब), रीना कौशल (एसएएस नगर, पंजाब) और संदीप का नाम शामिल है. गिरफ्तार आरोपियों का जाल पंजाब से लेकर गुजरात तक फैसला हुआ था.
लाखों देकर खरीदना चाहा सपना, लेकिन…
दरअसल, यह मामला हरियाणा के जींद शहर में रहने वाले कुलदीप नामक एक युवक से जुड़ा हुआ है. वह रातों रात अमीर बनने की चाहत लेकर अमेरिका जाना जाना चाहता था. इसी बीच, उसके एक दोस्त ने बताया कि वह एक ऐसे शख्स का जानता है, जो उसकी चाहत पूरी कर सकता है. इसके बाद, वह अपने दोस्त की मदद से संदीप नामक एक एजेंट से मिला. संदीप ने कुलदीप को भरोसा दिलाया कि वह अपने कुछ एसोसिएट्स की मदद से उसे कनाडा पहुंचा देगा. इस काम के एवज में संदीप ने 18 लाख रुपए की मांग कुलदीप के सामने रख दी.
वहीं, कुलदीप के सिर कनाडा जाने का भूत इस कदर सवार था कि उसने बिना सोचे समझे पांच लाख रुपए बतौर एडवांस और अपना पासपोर्ट संदीप को सौंप दिया. कुछ दिनों बाद संदीप ने कनाडा का वीजा लगा पासपोर्ट कुलदीप को वापस कर दिया. 28 सितंबर को कुलदीप कनाडा जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पहुंच गया. ट्रैवल डॉक्यूमेंट की स्क्रूटनी के दौरान, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के ऑफिसर ने जांच में पाया कि पासपोर्ट में लगे कैनेडियन वीजा से सिक्योरिटी फीचर गायब है. पल भर में यह पता चल गया कि पासपोर्ट में लगा वीजा फर्जी है.
गुजरात के इंजीनियर ने कर दिया खेल, और फिर…
इसके बाद, ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन के ऑफिसर्स ने कुलदीप से प्रारंभिक पूछताछ की और आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने कुलदीप के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. कुलदीप के खुलासे और निशानदेही के आधार पर इस मामले में सबसे पहले संदीप नामक एजेंट की गिरफ्तारी हुई. इसके बाद, एक ऐसा गिरोह सामने आया, जो लोगों को अपने जाल में फंसाने के साथ फर्जी वीजा बनाने का काम करता था. एक-एक कर इस मामले में आठ गिरफ्तारियां की गईं.
इस मामले में आठवीं गिरफ्तारी गुजरात के सूरत से प्रतीक शाह नामक आरोपी की हुई है. गुजरात के एक पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग करने वाला प्रतीक फर्जी वीजा बनाने का काम करता था. प्रतीक ने ही कुलदीप का भी फर्जी कैनेडियन वीजा तैयार किया था. छापेमारी के दौरान, प्रतीक के कब्जे से 9 विभिन्न देशों के रबर स्टैंप, पीआर कार्ड के 80 ब्लैंक चिप, दो कलर प्रिंटर, प्लास्टिक सीलिंग मशीन, विभिन्न देशों के होलोग्राम वाली गमिंग शीट, स्टैंपिंग मशीन, लैपटॉप, विभिन्न देशों की 16 डाई बरामद की गई हैं. इन्हीं की मदद से प्रतीक फर्जी वीजा तैयार करते थे.
FIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 08:45 IST
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