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वेद केवल हिंदू ग्रंथ नहीं गणित, विज्ञान, भूगोल और रसायन का भी आधार, जानिए वेदों के बारे में अनसुने तथ्य


वेद’ शब्द संस्कृत भाषा के विद् शब्द से बना है, जिसका अर्थ ‘ज्ञान’ है.वेद विश्व के सर्वाधिक प्राचीन लिखित धार्मिक दार्शनिक ग्रंथ हैं.
इनकी संख्या 4 है- ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद,अथर्ववेद

वेदों को किसने लिखा : वेद अनंत हैं और वेदों के ज्ञान का न आदि है और न अंत. वेदों के संपूर्ण ज्ञान को ऋषि वेदव्यास द्वारा 4 प्रकारों (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद) में विभाजित किया गया था. महर्षि वेदव्यास दी द्वारा वेद को लिखा नहीं गया है बल्कि वेदव्यास जी द्वारा वेदों को केवल लिपिबद्ध किया गया है.

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वेद दुनिया के प्रथम धर्मग्रंथ है. इसी के आधार पर दुनिया के अन्य मजहबों की उत्पत्ति हुई जिन्होंने वेदों के ज्ञान को अपने अपने तरीके से भिन्न भिन्न भाषा में प्रचारित किया. वेद ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुनाए गए ज्ञान पर आधारित है इसीलिए इसे श्रुति कहा गया है. सामान्य भाषा में वेद का अर्थ होता है ज्ञान. वेद पुरातन ज्ञान विज्ञान का अथाह भंडार है. इसमें मानव की हर समस्या का समाधान है. वेदों में ब्रह्म (ईश्वर), देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, रसायन, औषधि, प्रकृति, खगोल, भूगोल, धार्मिक नियम, इतिहास, रीति-रिवाज आदि लगभग सभी विषयों से संबंधित ज्ञान भरा पड़ा है.

वेद मानव सभ्यता के लगभग सबसे पुराने लिखित दस्तावेज हैं. वेदों की 28 हजार पांडुलिपिया भारत में पुणे के ‘भंडारकर ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट’ में रखी हुई हैं. इनमें से ऋग्वेद की 30 पांडुलिपिया बहुत ही महत्वपूर्ण हैं जिन्हें यूनेस्को ने विरासत सूची में शामिल किया है. यूनेस्को ने ऋग्वेद की 1800 से 1500 ई.पू. की 30 पांडुलिपियों को सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया है. उल्लेखनीय है कि यूनेस्को की 158 सूची में भारत की महत्वपूर्ण पांडुलिपियों की सूची 38 है.

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वेद के विभाग चार है: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद. ऋग-स्थिति, यजु-रूपांतरण, साम-गति‍शील और अथर्व-जड़.ऋक को धर्म, यजुः को मोक्ष, साम को काम, अथर्व को अर्थ भी कहा जाता है. इन्ही के आधार पर धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, कामशास्त्र और मोक्षशास्त्र की रचना हुई.

वेदों के बारे में संक्षिप्त जानकारी :

  1. ऋग्वेद को चारों वेदों में सबसे प्राचीन माना जाता है, यह मंत्रों वाला वेद है.
  2. यजुर्वेद गद्यात्मक शैली में लिखा गया है, इसमें यज्ञ की विधियां और मंत्रों का वर्णन है.
  3. सामवेद गयात्मक शैली में लिखा गया है, इसमें संगीत शास्त्र का वर्णन है.
  4. अथर्ववेद प्रौद्योगिकी, आरोग्य, और तंत्र से जुड़ा है, इसमें पुरानी रहस्यमयी चीज़ें और आयुर्वेद का वर्णन है.

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