Monday, September 22, 2025
27 C
Surat

औषधीय गुणों की खान है यह पौधा, कई बीमारियों का है काल, इसकी खीर खाकर संत करते थे लंबी तपस्या


अंकुर सैनी/सहारनपुर: भारत में 7000 से अधिक औषधीय पौधों की संख्या है, जिनमें से अपामार्ग एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. अपामार्ग एक औषधीय वनस्पति है. इसका वैज्ञानिक नाम ‘अचिरांथिस अस्पेरा’ (ACHYRANTHES ASPERA) है. हिन्दी में इसे ‘चिरचिटा’, ‘लटजीरा’, ‘चिरचिरा ‘ आदि नामों से जाना जाता है. यह पौधा धार्मिक  महत्व से  बड़ा ही पूजनीय माना जाता है. अपामार्ग बुध ग्रह का सर्वश्रेष्ठ पौधा माना जाता है. तांत्रिक तंत्र क्रिया में सबसे अधिक अपामार्ग पौधे का इस्तेमाल करते हैं. जबकि आयुर्वेद में इसका बहुत बड़ा महत्व है. कई बीमारियों में यह पौधा रामबाण का काम करता है. इस पौधे के बीजों की खीर बनाने से 15 दिन तक बिना कुछ खाए व्यक्ति रह सकता है. इस को ओंगा के नाम से भी जाना जाता है. जिस व्यक्ति की चर्बी बढ़ी होती है, उसके लिए यह पौधा रामबाण का काम करता है. आंखों में सूजन पर भी यह अच्छा काम करता है. सांस के रोगियों के ऊपर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.

बुध ग्रह का सर्वश्रेष्ठ पौधा है अपामार्ग

महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने Bharat.one से बात करते हुए बताया कि अपामार्ग एक कटीली झाड़ियों  की तरह दिखाई देने वाला पौधा होता है. यह बुध ग्रह का सर्वश्रेष्ठ पौधा है. तांत्रिक सबसे अधिक तंत्र क्रिया में अपामार्ग पौधे का ही इस्तेमाल करते हैं. इसको पुटकांडा भी बोला जाता है. अपामार्ग पौधे के बीजों को इकट्ठा कर भाप में उबालकर उसकी खीर खाने से कई दिन तक भूख नहीं लगती. पहले के समय में तपस्या करने वाले संत इन्हीं को खाकर कई कई दिनों तक भूखे पेट रहा करते थे.

आयुर्वेदिक दवाइयों में अपामार्ग का होता है इस्तेमाल

आयुर्वेदिक  डॉक्टर हर्ष ने Bharat.one से बात करते हुए बताया कि अपामार्ग का साइंटिफिक नाम अचिरांथिस अस्पेरा’ (ACHYRANTHES ASPERA) है. अपामार्ग का इस्तेमाल अलग-अलग बीमारियों में अलग-अलग तरीके से किया जाता है. जिन लोगों की चर्बी बढ़ी होती है, जिन लोगों का लीवर का फेट बढ़ जाता है, ऐसी कंडीशन में इसका  इस्तेमाल फायेमंद होता है. जिनको खाना हजम नहीं होता, पेट में अफारा आ जाता है उसमें भी यह बहुत अच्छा काम करता है. इसकी जड़ और बीजों का चूर्ण बनाकर शहद मिलाकर आंखों में फूली आने पर इसका इस्तेमाल किया जाता है. सांस के मरीजों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. किसी मरीज को बार-बार भूख लगने की बीमारी के दौरान भी इसके बीजों की खीर बनाकर खिलाने से वह ठीक हो जाता है. वहीं इसके बीजों का पेस्ट या रस निकालकर कान में डालने से शूल रोग ठीक हो जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Bharat.one किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-benefits-of-apamarg-plant-apamarg-plant-is-beneficial-in-many-diseases-local18-8807378.html

Hot this week

Topics

Sharadiya Navratra special importance of Maharatri Nisha Puja

Last Updated:September 22, 2025, 21:39 ISTMaharatri Nisha Puja...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img