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साल में सिर्फ दो दिन मिलता है ये फूल, लक्ष्मी माता का प्रिय, दीवाली पूजा में है खास अहमियत


दिवाली के पर्व पर माता महालक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, और इस पूजा में कमल का फूल चढ़ाने की परंपरा बहुत ही प्राचीन और खास मानी जाती है. खासकर मध्य प्रदेश के खंडवा में हर साल सिर्फ दो दिन के लिए यह अद्भुत फूल खिलता है, जिसका इंतजार भक्तों को रहता है. दिवाली के दौरान इस फूल की मांग तेजी से बढ़ जाती है और इसे महंगे दामों पर भी खरीदा जाता है. स्थानीय महालक्ष्मी मंदिर के पंडित सुबोध बरवे के अनुसार, इस फूल की दिव्यता और उससे जुड़ी पौराणिक मान्यताओं के कारण देवी लक्ष्मी को इसे अर्पित करने का विशेष महत्व होता है.

कमल का फूल – महालक्ष्मी का प्रिय आसन
कमल का फूल देवी लक्ष्मी का प्रिय माना जाता है, क्योंकि इसे भगवान विष्णु के नाभि से उत्पन्न होने का विशेष स्थान प्राप्त है. विष्णु जी की अर्धांगिनी होने के नाते महालक्ष्मी को यह फूल अत्यंत प्रिय है. भगवान नारायण के नाभि से निकले इस कमल पर ब्रह्मा जी का आसन भी होता है, जिससे कमल का महत्व और भी बढ़ जाता है. धार्मिक मान्यता है कि प्रत्येक देवी-देवता का अपना वाहन और आसन होता है, उसी तरह लक्ष्मी जी के लिए कमल का आसन विशेष माना जाता है. पंडित सुबोध बरवे के अनुसार, कमल का फूल जहां जल में खिलता है, वहीं देवी लक्ष्मी का वास भी सच्चे श्रद्धालुओं के दिलों में होता है.

जल का महत्व और पूजा में कमल का स्थान
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, जल पांच प्रमुख तत्वों में से एक है, और इसी से जीवन का संतुलन बनता है. जब भी हम भगवान की पूजा करते हैं तो जल अर्पित करते हैं. कमल का फूल भी जल में ही खिलता है और इसकी निर्मलता और पवित्रता की वजह से इसे दिवाली की पूजा में शामिल करना शुभ माना जाता है. पंडित बरवे बताते हैं कि जल का महत्व जीवन में इतना है कि हर पूजा में जल को प्राथमिकता दी जाती है. जैसे कि भगवान शिव की पूजा बिना जल के पूरी नहीं मानी जाती, ठीक उसी प्रकार देवी लक्ष्मी की पूजा में कमल का फूल और जल का होना आवश्यक है.

दिवाली पर कमल फूल की बढ़ती मांग और कीमत
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष रूप से कमल के फूल मंगाए जाते हैं. सामान्य दिनों में 10 रुपये में मिलने वाला यह फूल दिवाली के समय 20 रुपये तक में बिकता है, क्योंकि इसकी मांग इस समय बहुत अधिक होती है. भक्तजन इसे हर हाल में खरीदकर अपने घरों और मंदिरों में अर्पित करते हैं. इस फूल का महत्व केवल इसकी सुंदरता तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़े आध्यात्मिक और धार्मिक पक्ष भी इसे खास बनाते हैं. खंडवा जैसे क्षेत्रों में साल में सिर्फ दो दिन इस फूल की खेती होती है, जिसके कारण इसकी उपलब्धता सीमित है, और दिवाली पर भक्त इसे खरीदने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.

कमल के फूल से देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने की मान्यता
माना जाता है कि कमल का फूल चढ़ाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं. दिवाली पर महालक्ष्मी पूजा के दौरान इस फूल का विशेष महत्व है. यह न केवल देवी लक्ष्मी की कृपा पाने का माध्यम है, बल्कि इसे चढ़ाकर भक्त उनके आशीर्वाद की कामना भी करते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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