
Disadvantages of eating wheat flour roti: हर कोई घर में डेली दाल चावल, रोटी और सब्जी जरूर खाता है. कुछ लोगों को रोटी काफी अच्छी लगती है. हालांकि, अधिकतर लोग हर दिन जिस आटे की बनी रोटी खाते हैं, वह है गेहूं का आटा. इस आटे की बनी वैसे तो काफी पौष्टिक और फायदेमंद होती है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि हर दिन यानी 12 महीने सिर्फ गेहूं के आटे से बनी रोटियां खाना ही सेहत के लिए सही नहीं है. क्या वाकई ऐसा है, इस बारे में विस्तार से बताया न्यूट्रिशनिस्ट रिद्धि खन्ना ने.
क्या हर दिन गेहूं के आटे से बनी रोटी खाना सही नहीं?
न्यूट्रिशनिस्ट रिद्धि खन्ना कहती हैं कि अधिकतर घरों में हर दिन सिर्फ गेहूं के आटे से बनी रोटियां ही खाई जाती हैं, लेकिन इसका रेगुलर सेवन सेहत के लिए उतना सही नहीं, जितना की इसमें कुछ मिक्स अनाज से तैयार आटे को मिलाकर बनी रोटियां खाना. गेहूं के आटे से बनी रोटियों के लगातार सेवन से कई तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये शरीर में ग्लूटेन के इनटेक को बढ़ा सकता है. बेशक, इस आटे में कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते है, लेकिन इसके रेगुलर सेवन से परहेज करना चाहिए.
बढ़ा सकता है ग्लूटेन का इनटेक
रिद्धि खन्ना कहती हैं कि गेहूं का सेवन शरीर के लिए फायदेमंद है, लेकिन शरीर में ये ग्लूटेन के इनटेक को बढ़ा भी सकता है. इससे व्यक्ति को डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ जाता है. वैसे, हमारे देश में साल भर एक ही तरह का आटा खाने का चलन नहीं है, लेकिन मेट्रो शहरों की व्यस्त जिंदगी में लोगों के पास समय की कमी होने के कारण ज्यादातर गेहूं के आटे के पैकेट ही इस्तेमाल करते हैं.
गेहूं के आटे की रोटी खाने के नुकसान (Gehu ke aate ki roti khane ke nuksan)
-जब आप लगातार गेहूं की रोटी खाते हैं तो इससे कुछ नुकसान भी होता है. इससे पाचन क्रिया में परेशानी आ सकती है. गेहूं में मौजूद ग्लूटेन के कारण अक्सर कई लोगों के लिए इसे पचाना मुश्किल हो जाता है. इससे भोजन पाचने में तो दिक्कत आती ही है, गैस की समस्या भी कुछ लोगों को हो सकती है. खासकर, उन लोगों में जिन्हें पहले से ही ये समस्याएं हैं.
– गेहूं के आटे से बनी रोटी खाने से कई बार वजन भी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स से कैलोरी का इनटेक बढ़ जाता है. इससे एक समय में व्यक्ति को मोटापे की समस्या आने लगती है. इसके साथ ही यह ब्लड शुगर भी बढ़ा सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज के होने का खतरा बना रहता है. गेहूं का आटा कोलेस्ट्रॉल के साथ ब्लड प्रेशर के असंतुलन का भी कारण बनता है. इससे काफी हद तक भविष्य में हार्ट डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है.
-बेहतर है कि आप इन समस्याओं से बचने के लिए गेहूं के आटे को अकेले न खाएं. इसमें चने का आटा मिलाकर रोटियां बनाएं. इसके अलावा, इसमें बाजरा, जौ, रागी, मक्का का आटा भी मिलाकर रोटी बना सकते हैं. इसके साथ ही मिलेट्स भी सेहत के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. इनपुट-आईएएनएस
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FIRST PUBLISHED : December 2, 2024, 10:19 IST
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