Symptoms of HIV AIDS: एचआईवी एड्स बेहद खतरनाक बीमारी है जिसमें शरीर को बीमारियों के खिलाफ लड़ने की सारी शक्ति क्षीण हो जाती है. यानी जब कोई बीमारी हुई तो यह ठीक नहीं होती. आजकल एचआईवी का इलाज आ गया है, दुनिया भर में एचआईवी के मरीजों की संख्या कम होने लगी है, इसके बावजूद सच्चाई ये है कि आज भी भारत में एचआईवी के 24 लाख मरीज है. यहां तक कि अमेरिका में भी इसके 12 लाख मरीज हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक पूरी दुनिया में एचआईवी और एड्स के 3.77 लाख मरीज हैं. अगर किसी को एचआईवी का संक्रमण हो जाए और उसके खून या वीर्य या वेजाइनल फ्लूड किसी अन्य में पहुंच जाए तो वह भी एचआईवी पॉजिटिव हो जाता है, इसलिए आज भी असुरक्षित यौन संबंध एचआईवी का सबसे बड़ा कारण है. आईए पहले ये जानते हैं कि एचआईवी कैसे किसी व्यक्ति में फैलता है और यह कब एड्स बन जाता है.
कैसे फैलता है एचआईवी
एचआईवी का मतलब है-human immunodeficiency virus -HIV. यह एक वायरस है जो कई माध्यमों से इंसान के शरीर में पहुंचता है और इंसान की इम्यूनिटी को तबाह कर दिया. अगर पहले से संक्रमित किसी व्यक्ति का खून किसी भी तरह से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाए तो उसे भी एचआईवी हो जाएगी. जैसे कि एक ही नीडल से संक्रमित व्यक्ति को इंजेक्शन दिया और फिर उसी नीडल से दूसरे व्यक्ति को इंजेक्शन दे दिया तो इससे उसे एचआईवी हो सकता है. उसी तरह अगर किसी पहले से संक्रमित पुरुष के वीर्य या वीर्य निकलने से पहले जो फ्लूड निकलता है, वह अगर अन्य व्यक्ति के जननांगों में पहुंच जाए चाहे वह पुरुष हो या महिला तो उससे भी वह भी एचआईवी का शिकार हो जाता है. इसी तरह अगर महिला के जननांगों से निकलने वाले तरल पदार्थ दूसरे व्यक्ति चाहे वह पुरुष हो या महिला के जननांग में चला जाए तो उसे भी एचआईवी हो सकता है.अगर संक्रमित व्यक्ति का रेक्टल फ्लूड (गुदाद्वार से निकला तरल पदार्थ) दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाए तो भी वह एचआईवी संक्रमित हो सकता है. इसके अलावा मां का दूध भी बच्चों में एचआईवी फैला सकता है.ऐसे में सबसे जरूरी यह है कि सुरक्षित यौन संबंध बनाएं.
एचआईवी होने पर क्या होता है शरीर में
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक एचआईवी वायरस पहले शरीर में घुसता है और खुद को बढ़ाने में लंबा समय लेता है. एचआईवी वायरस खून के व्हाइट ब्लड सेल्स को संक्रमित कर देता है और उसमें मौजूद टी सेल को खत्म करने लगता है. टी सेल ही हमें शरीर में बीमारियों से बचाता है. जब टी सेल डैमेज होने लगता है तो हमारे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है. ऐसे में छोटी सी बीमारी हो तो उसे ठीक होने में लंबा समय लगता है. सर्दी-जुकाम को भी ठीक होने में बहुत समय लग जाता है. एचआईवी शुरू-शुरू में फ्लू की तरह ही बीमार करता है. जब टीसेल खत्म होने लगता है और फ्लू की तरह लक्षण आने लगता है तो यह एचआईवी का पहला स्टेज है. दूसरे स्टेज में लंबा वक्त लगता है और इसमें कई परेशानियां होनी शुरू हो जाती है. यदि इस वक्त कोई इलाज नहीं हुआ तो टी सेल्स पूरी तरह से शरीर से मिट जाता है और यही तीसरा स्टेज आखिरी स्टेज है जिसे एड्स कहते हैं.
लक्षण क्या है
एचआईवी पॉजिटिव हो जाने के बाद रोगी के लिए मामूली चोट भी लग जाए तो इससे उबरना मुश्किल हो जाता है. यानी दवाई से भी ठीक नहीं होता. मामूली बीमारी भी जल्दी ठीक नहीं होता. अगर किसी को एचआईवी हो जाए तो बुखार लगता है और सबसे बड़ी बात कि रात में पसीना आता है. ऐसे व्यक्ति को बहुत अधिक कमजोरी और थकान रहती है. बहुत ज्यादा ठंड भी लगता है. गले में खराश रहता है और मसल्स में बहुत पेन होता है. स्किन पर चकते, दाने या रैशेज निकलने लगते हैं. कुछ नसें फूल जाती है. मुंह के अंदर घाव निकलने लगता है.
एचआईवी न हो इसके लिए क्या करें
एचआईवी न हो इसके लिए सबसे जरूरी है कि किसी के साथ चाहे वह पुरुष हो या महिला हो या थर्ड जेंडर हो किसी के साथ भी असुरक्षित यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए. अपने पार्टनर की पहले जांच करानी चाहिए और खुद की भी जांच करानी चाहिए उसके बाद ही सुरक्षित यौन संबंध बनाना चाहिए. डिलवरी से पहले एचआईवी टेस्ट जरूरी है. इससे अगर किसी महिला को एचआईवी है तो उसके बच्चे को बचाया जा सकता है. पति-पत्नी को पहले एचआईवी जांच करानी चाहिए, इसके बाद ही बच्चे की प्लानिंग करानी चाहिए. एचआईवी जांच शर्म का विषय नहीं है. यह बहुत कम पैसे में हो जाता है. इसके अलावा अगर कुछ लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और इलाज कराएं. एचआईवी का इलाज बेहद कारगर है.
FIRST PUBLISHED : December 10, 2024, 18:03 IST
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