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भाग्य नहीं दे रहा है साथ, तो आज ही धारण करें ये चमत्कारी रत्न, चमक उठेगी किस्मत, खत्म हो जाएगा आर्थिक संकट



ऋषिकेश: भाग्य का साथ हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन कई बार परिस्थितियां  हमारे पक्ष में नहीं होतीं और हमें ऐसा लगता है, कि हमारे प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिल रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रहों के अशुभ प्रभावों से बचने और भाग्य को मजबूत करने के लिए कुछ विशेष रत्नों को धारण करना लाभकारी माना गया है. इनमें से एक महत्वपूर्ण रत्न टाइगर स्टोन है, जिसे बेहद चमत्कारी और प्रभावशाली माना गया है.

Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित हिमालयन जेम्स एंड हैंडीक्राफ्ट के मालिक और ज्योतिष अशोक ने बताया कि टाइगर स्टोन का संबंध मुख्य रूप से मंगल, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु ग्रहों से होता है. इन ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए यह रत्न अत्यधिक प्रभावी माना गया है. ज्योतिष विशेषज्ञों का मानना है कि इस रत्न को सही तरीके और विधि से धारण करने पर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. इसे पहनने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, मानसिक तनाव कम होता है और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है. साथ ही, व्यक्ति अपने कार्यों को अधिक जागरुकता और समर्पण के साथ पूरा करता है.

टाइगर स्टोन के फायदे

इस रत्न को धारण करने से जीवन की अनेक समस्याओं से छुटकारा मिलता है. जैसे, अगर किसी व्यक्ति को करियर में लगातार असफलता का सामना करना पड़ रहा है, आर्थिक संकट हो रहा है, या वैवाहिक जीवन में परेशानियां आ रही हैं, तो टाइगर स्टोन पहनने से इन समस्याओं में कमी देखी जा सकती है. यह रत्न न केवल जीवन को संतुलित करता है, बल्कि व्यक्ति के भाग्य को मजबूत बनाकर उसे आगे बढ़ने में मदद करता है.

ऐसे करें धारण

टाइगर स्टोन धारण करने से पहले ज्योतिषी से सलाह लेना बहुत जरूरी है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली और ग्रह स्थिति अलग होती है. टाइगर स्टोन रत्न को सही तरीके से धारण करने के लिए शुभ दिन और विधि का ध्यान रखना जरूरी है. इसे मंगलवार, गुरुवार या शनिवार को धारण करना सबसे शुभ माना जाता है. रत्न को पहनने से पहले इसे गंगाजल, दूध और शहद में डुबोकर शुद्ध करें. फिर भगवान शिव या अपने इष्ट देव की पूजा करें और “ॐ भौमाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें. इसे चांदी, तांबे या पंचधातु की अंगूठी में मढ़वाकर अनामिका या मध्यमा अंगुली में पहनें. हमेशा ज्योतिषी की सलाह लेकर इसे धारण करें, ताकि इसका सकारात्मक प्रभाव मिले.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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