Tuesday, November 18, 2025
27 C
Surat

बेहद खास होता है यह व्रत, इसे करने से होती है पुत्र की प्राप्ति! ज्योतिषी से जानें महत्व और पूजा विधि



ओम प्रयास /हरिद्वार. माता-पिता के जीवन में एक बच्चे का जन्म बहुत सी खुशियां लेकर आता है. माता-पिता के लिए संतान सुख भगवान का आशीर्वाद होता है. संतान की प्राप्ति होने पर परिवार पूरा हो जाता है. संतान माता-पिता के जीवन को एक अर्थ और उनके लिए जिम्मेदारी का भाव जगाती है. घर में संतान के आने से प्रसन्नता और खुशियों का माहौल हो जाता है. संतान होने के कारण घर के सभी सदस्य एक साथ आते हैं. जिससे पारिवारिक संबंध अटूट हो जाते हैं. सभी को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती है. संतान प्राप्ति के लिए दंपति तरह-तरह के उपाय जैसे धार्मिक कर्मकांड, पूजा पाठ, व्रत, चिकित्सा, ध्यान, आयुर्वेदिक उपचार, योग आदि करते हैं. हिंदू कैलेंडर के खरमास यानी पौष शुक्ल पक्ष में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और पुत्र प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ व्रत होता है. इस व्रत को विधि विधान से करने पर पुत्र प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता है.

पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के निमित्त होने वाले व्रत की जानकारी Bharat.one को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं की खरमास यानी पौष मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी का व्रत आता है. हिंदू संवत के अनुसार एक साल में 24 एकादशी आती है. सभी एकादशी तिथि का अलग-अलग महत्व है. धार्मिक ग्रंथो के अनुसार एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित और उन्हें बहुत अधिक प्रिय होती है. ऐसे ही शुक्ल पक्ष पौष मास की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति हो जाती है.

पुत्रदा एकादशी के व्रत का महत्व
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित तिथि बताई गई है. इस दिन भगवान विष्णु मनचाहा फल प्रदान करते हैं. पुत्रदा एकादशी पौष मास शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होने वाला श्रेष्ठ और उत्तम व्रत होता है. इस व्रत को विधि विधान से करने पर दंपति को पुत्र की प्राप्ति होती है. वही जिनके पुत्र हैं उनके द्वारा इस एकादशी का व्रत करने से संतान की दीर्घायु और स्वास्थ्य अच्छा होता है. पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करके इस व्रत का संकल्प करें और भगवान विष्णु के मंत्रों, स्तोत्र, बीज मंत्र, वैदिक मंत्र आदि का पाठ करते हुए पूजा पाठ करें. इस एकादशी व्रत के दौरान चावल या चावल से बनी कोई भी खाद्य सामग्री उपयोग करनी वर्जित होती है. चावल से बनी खाद्य सामग्री या चावल प्रयोग करने पर दोष लगता है. वैदिक पंचांग के मुताबिक पुत्रदा एकादशी के व्रत का समय साल 2025 के शुरुआत में 9 जनवरी की दोपहर 12:23 से शुरू होकर 10 जनवरी की सुबह 10:19 तक रहेगा. उदया तिथि के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत 10 जनवरी 2025 को किया जाएगा.

Note: पुत्रदा एकादशी के बारे में विस्तार से जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 और 9997509443 पर संपर्क कर सकते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

Hot this week

Jupiter in 5th House। पांचवें भाव में बृहस्पति के उपाय

Jupiter In 5th House: जन्मपत्री में पांचवां भाव...

mokshada ekadashi kab hai 2025 date muhurat | mokshada ekadashi 2025 date muhurat parana samay | mokshada ekadashi par bhadra ka samay kya hai...

Last Updated:November 18, 2025, 11:56 ISTमोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष...

Topics

Jupiter in 5th House। पांचवें भाव में बृहस्पति के उपाय

Jupiter In 5th House: जन्मपत्री में पांचवां भाव...

mokshada ekadashi kab hai 2025 date muhurat | mokshada ekadashi 2025 date muhurat parana samay | mokshada ekadashi par bhadra ka samay kya hai...

Last Updated:November 18, 2025, 11:56 ISTमोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष...

दिल्ली के पास प्रदूषण मुक्त वीकेंड के लिए बेस्ट हिल स्टेशन

दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की समस्या हर...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img