ठंड के मौसम में कई बीमारियां सक्रिय हो जाती हैं. इन्हीं में से ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है. Bharat.one से बातचीत में डॉ. एजाज अहमद ने बताया कि ठंड में खून का संचार धीमा हो जाता है और खून गाढ़ा हो जाता है. जिससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
क्या है ब्रेन स्ट्रोक?
डॉ. एजाज अहमद के अनुसार, ब्रेन स्ट्रोक एक इमरजेंसी स्थिति होती है, जिसमें मरीज के हाथ-पैर में कमजोरी आ जाती है. झटके आने लगते हैं और समय पर इलाज न होने पर जान भी जा सकती है.
ब्रेन स्ट्रोक के प्रकार
इस्केमिक स्ट्रोक: दिमाग की नसों में खून का प्रवाह रुकने की वजह से होता है.
हेमरेजिक स्ट्रोक: दिमाग की नसों के फटने से होता है.
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षणों में चेहरे का तिरछा हो जाना, हाथ-पैर में कमजोरी आना, और बोलने में दिक्कत होना शामिल है.
क्यों बढ़ते हैं ठंड में ब्रेन स्ट्रोक के मामले?
ठंड में खून के सप्लाई की नसें सिकुड़ जाती हैं और नसों में प्रेशर बढ़ जाता है. जिससे नस फटने का खतरा होता है और ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ जाते हैं.
ब्रेन स्ट्रोक से बचाव के उपाय
डॉ. एजाज अहमद बताते हैं कि 60 साल से ऊपर के मरीजों को खास ध्यान रखना चाहिए. विशेष रूप से अगर वे शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं. उन्हें नियमित रूप से शुगर और ब्लड प्रेशर की दवा लेनी चाहिए और जांच करवानी चाहिए. सुबह-सुबह बाहर जाने से बचना चाहिए और धूप में एक्सरसाइज करनी चाहिए. अगर ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि समय पर इलाज से जान बचाई जा सकती है.
FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 23:04 IST
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