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5, 6 या फिर 7 बजे… ठंड में किस समय करनी चाहिए पूजा, क्या बिना नहाए भी कर सकते उपासना, जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें



Puja Time In Winter: सनातन धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. इसलिए हर घर में किसी न किसी देवता की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. माना जाता है कि, रोज पूजा करने से घर में नकारात्मक शक्तियां नहीं आती हैं, जिससे घर का माहौल ठीक बना रहता है. धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, दिनभर में 5 बार भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए. लेकिन, आप पूजा किस समय कर रहे हैं इस बात का विशेष ध्यान रखें. हालांकि, मौसम के अनुसार समय में बदलाव हो सकता है. अब सवाल है कि आखिर सर्दियों में किस समय पूजा करनी चाहिए? क्या बिना नहाए भगवान कर सकते हैं उपासना? शाम की पूजा के नियम क्या हैं? इन सवालों के बारे में Bharat.one को बता रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-

पूजा करने का सही समय

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि, भगवान में याद करने का कोई समय नहीं है. आप जब चाहें तो उनका नाम ले सकते हैं. लेकिन, शास्त्रों में भगवान की पूजा के समय में बदलाव जरूर है. इसलिए पहली पूजा ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04:30 बजे से 5:00 बजे तक. दूसरी पूजा सुबह 09:00 बजे तक और मध्यान्ह पूजा दोपहर 12 बजे तक. इसके बाद सायंकालीन पूजा शाम 04:30 बजे से 6:00 बजे तक तथा शयन पूजा रात्रि 9:00 बजे तक कर सकते हैं.

शाम की पूजा का सही समय

पूजा सुबह की हो या शाम की, समय का जरूर ध्यान रखना चाहिए. हिंदू धर्म में देवी-देवताओं का पूजन दिन में 5 बार करना अधिक फलदायी माना गया है. अगर बात शाम की करें तो सूर्यास्त के एक घंटे पहले और सूर्यास्त के एक घंटे बाद तक का समय उत्तम माना गया है. कभी भी संध्याकाल की पूजा रात्रि में नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से देवगण नाराज होते हैं, जिससे आर्थिक संकट पैदा हो सकता है.

क्या बिना कर सकते उपासना

अगर कोई व्यक्ति किसी कारणवश स्नान करने में असमर्थ है, तो भी उसके मन में पूजा के प्रति श्रद्धा और पवित्रता होनी चाहिए. अगर आप मानसिक पूजा करते हैं या मंत्र जाप करते हैं, तो इसके लिए स्नान करने की कोई अनिवार्यता नहीं है. किसी भी स्थान पर आप बिना स्नान किए मानसिक पूजा कर सकते हैं और भगवान का ध्यान भी कर सकते हैं.

शाम की पूजा के नियम

  • शाम की पूजा में शंख-घंटी बजाने से बचें, माना जाता है कि सूर्य अस्त होने के बाद देवी-देवता शयन को चले जाते हैं. ऐसे में शंख या घंटी बजाने से उनके विश्राम में खलल पैदा हो सकता है.
  • शाम को पूजा करते समय भगवान पर फूल चढ़ाने से बचना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय फूल तोड़ना शुभ नहीं होता है. ऐसा करने से जीवन में गलत प्रभाव पड़ सकता है.
  • सूर्यास्त के बाद तुलसी को छूना भी वर्जित माना गया है. इसलिए पूजा की पूजा में तुलसी पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

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