नए साल की बात आते ही दिमाग में सबसे पहले ‘पार्टी-शार्टी’ की बात आती है. हर कोई नए साल का स्वागत नाचते-गाते और झूमते हुए करना चाहता है. पार्टी तो सब करते हैं, लेकिन ‘शार्टी’ यानी शराब के शौकीनों के लिए इस जश्न के अलग ही मायने होते हैं. आपने देखा होगा कि ठंड के मौसम में अक्सर शराब के शौकीन लोग अक्सर रम पीना पसंद करते हैं. दरअसल ऐसा कहा जाता है कि रम शरीर को गर्मी देती है. लेकिन क्या ऐसा सच में है? क्या सच में रम सर्दी में भी गर्मी का एहसास करती है और अगर हां, तो कैसे. आइए जानते हैं.
रम क्या होती ?
रम एक प्रकार की शराब (आल्कोहलिक ड्रिंक) होती है, जो मुख्य रूप से गन्ने के रस या गन्ने के मोलासेस (गन्ने का गुड़) से तैयार की जाती है. यह स्वाद में थोड़ी मीठी शराब होती है. प्राचीन समय से ही कई संस्कृतियों में अलग-अलग जश्न के मौकों पर रम पी जाती है. रम को बनाने की प्रक्रिया में गन्ने के रस या मोलासेस को खमीर से ferment किया जाता है, और फिर इसे distill किया जाता है, ताकि उसमें से अल्कोहल निकाला जा सके. इसके बाद, इसे अलग-अलग समय तक aged किया जाता है, जिससे उसकी स्वाद और रंग में बदलाव आता है. इससे कई तरह के रम बनते हैं जैसे सिल्वर या व्हाइट रम, गोल्ड रम, डार्क रम, स्पाइस्ड रम.
वाइट रम और डार्क रम
वाइट रम और डार्क रम के रंग में ये अंतर मोलेसेज की वजह से होता है. डार्क रम बनाते वक्त तैयार रम में मोलेसेज को अलग से मिलाया जाता है. वहीं वाइट रम के साथ ऐसा नहीं किया जाता. इसीलिए वाइट रम पारदर्शी होती है. रम का उपयोग कई कॉकटेल्स बनाने में भी होता है, जैसे मोजिटो, डैकीरी, पिना कोलाडा आदि. यह विशेष रूप से कैरीबियन, लैटिन अमेरिकी और कुछ एशियाई देशों में बहुत लोकप्रिय है.

वाइट रम और डार्क रम के रंग में ये अंतर मोलेसेज की वजह से होता है.
रम पीने से क्यों होती है गर्मी
कॉकटेल्स इंडिया यूट्यूब चैनल के संस्थापक संजय घोष बताते हैं कि डार्क रम तैयार करते वक्त इसमें अलग से मोलेसेज ऐड करके प्रॉसेस किया जाता है, जिससे इसका रंग गहरा हो और फ्लेवर अच्छा आता है. इस कारण डार्क रम में ज्यादा कैलरी होती है, जिससे यह शरीर में गर्माहट पैदा करती है. इसके अलावा जब हम अल्कोहल (जैसे रम) पीते हैं, तो यह ब्लड फ्लो बढ़ जाता है. इससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है और हमें गर्मी का अहसास होने लगता है. एक दूसरी वजह ये भी है कि अल्कोहल शरीर में तेजी से अवशोषित होता है, और यह मस्तिष्क में तापमान नियंत्रण प्रणाली को प्रभावित करता है. जिससे हमें गर्मी का एहसास होता है, भले ही असल में तापमान न बदले.
मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया भी इसकी एक वजह है. अल्कोहल को पचाने के लिए शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा (कैलोरी) की आवश्यकता होती है, जो मेटाबोलिज्म की गति को बढ़ाता है. इस प्रक्रिया में भी शरीर का तापमान बढ़ जाता है, जिससे गर्मी महसूस होती है. यही कारण है कि अक्सर लोग अल्कोहल पीने के बाद गर्मी और पसीने की अधिकता का अनुभव करते हैं.
FIRST PUBLISHED : December 30, 2024, 12:01 IST
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