मोहन ढाकले/बुरहानपुर: मध्य प्रदेश का खानपान अपने अनोखे स्वाद और विशेष व्यंजनों के लिए जाना जाता है. बुरहानपुर के सिंधी बस्ती क्षेत्र में 30 साल पुरानी आलू पोंगा की दुकान इसका बेहतरीन उदाहरण है. सर्दियों के मौसम में यह व्यंजन लोगों के बीच और भी लोकप्रिय हो जाता है. बच्चे, युवा, और बुजुर्ग—सभी सुबह से लेकर रात तक इस स्वादिष्ट डिश का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं.
आलू पोंगा: एक अद्भुत व्यंजन
आलू पोंगा का अनोखा स्वाद इसे हर उम्र के लोगों की पहली पसंद बनाता है.
कीमत और मात्रा:
यहां 8 आलू पोंगे सिर्फ ₹20 में मिलते हैं.
स्वाद का राज:
घर में बने मसालों, ताजी चटनी, और सेव के साथ तैयार यह व्यंजन हर किसी का दिल जीत लेता है.
30 साल पुरानी दुकान की कहानी
दुकान संचालक नवला भाई ने Bharat.one से बातचीत में बताया कि मैं 30 साल से आलू पोंगा बना और बेच रहा हूं. पहले 1 रुपये में 4 पोंगे मिलते थे, और अब 20 रुपये में 8. ठंड शुरू होते ही आलू पोंगा की बिक्री बढ़ जाती है. रोजाना मैं 100 से ज्यादा डिश बेच लेता हूं. नवला भाई के अनुसार, यह व्यवसाय न केवल उन्हें रोजगार प्रदान करता है, बल्कि उनकी दुकान सिंधी बस्ती क्षेत्र में एक पहचान बन चुकी है.
कैसे तैयार होती है आलू पोंगा डिश?
आलू पोंगा का स्वाद इसे बनाने की खास विधि में छिपा है.
पोंगे को तलना:
सबसे पहले पोंगे (पकौड़े जैसे) को तेल में तल लिया जाता है.
आलू की भराई:
उबले हुए आलू को मसालों के साथ चूरा कर भरने के लिए तैयार किया जाता है.
मसालों का उपयोग:
आलू में पुदीना चटनी, हरी मिर्च, जलजीरा, नमक, और घर के विशेष मसाले मिलाए जाते हैं.
फाइनल टच:
तैयार पोंगे में आलू भरकर उसके ऊपर टमाटर की चटनी, केचप, और सेव डाल दी जाती है.
क्यों है आलू पोंगा खास?
लोकल मसाले: घर में तैयार मसालों की वजह से इसका स्वाद अनोखा और लाजवाब होता है.
सर्दियों की डिश: ठंड के मौसम में यह डिश खासतौर पर पसंद की जाती है.
सभी के लिए परफेक्ट: बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोग इसे पसंद करते हैं.
रोजाना का अनुभव
खरीददारों की भीड़:
सुबह से लेकर रात 10 बजे तक, यहां ग्राहकों का तांता लगा रहता है.
रोज की बिक्री:
नवला भाई रोजाना 100 से ज्यादा आलू पोंगा बेचते हैं.
सामाजिक जुड़ाव:
यह दुकान न केवल एक व्यवसाय है, बल्कि लोगों के बीच संवाद और रिश्तों को बढ़ाने का केंद्र भी है.
बुरहानपुर का स्थानीय स्वाद
आलू पोंगा बुरहानपुर की एक विशेष डिश बन चुकी है. यहां के मसाले और चटनियों की महक इसे और भी खास बनाती है. सिंधी बस्ती में ठंड के मौसम में यह दुकान एक आकर्षण का केंद्र होती है.
FIRST PUBLISHED : January 3, 2025, 13:57 IST
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