Mahakumbh 2025: इस साल प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. 13 जनवरी से 27 फरवरी तक यहां भव्य आयोजन किया जाएगा और साधु-संतों का जमावड़ा देखने को मिलेगा. दुनियाभर से श्रृद्धालु संगम नदी में स्नान करने आते हैं क्योंकि महाकुंभ में पवित्र नदियों का जल अमृत बन जाता है. इसलिए महाकुंभ के दौरान गंगा, यमुना आदि नदियों में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है. लेकिन क्या आपको पता है महाकुंभ में डुबकी लगाते समय आपको कुछ नियमों का पालने करना जरुरी होता है.
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद पचौरी बताते हैं कि, महाकुंभ में डुबकी लगाते समय कुछ ऐसे नियम हैं जिनका पालन हर श्रृद्धालु को करना चाहिए. तो आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में, तो अगर आप भी महाकुंभ में स्नान करने वाले हैं तो इन बातों ध्यान जरुर रखें.
महाकुंभ में डुबकी लगाने का पहला नियम
महाकुंभ में डुबकी लगाने जाने वाले हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि गृहस्थ्य लोगों को 5 डुबकी लगाएं. धार्मिक मान्यता के अनुसार जब गृहस्थ्य लोग महाकुंभ में 5 बार डुबकी लगाते हैं तो कुंभ स्नान पूरा माना जाता है.
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दूसरा नियम
महाकुंभ के दौरान कभी भी नागा साधुओं से पहले डुबकी ना लगाएं. क्योंकि महाकुंभ के दौरान सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं और डुबकी लगाते हैं. फिर अन्य लोग डुबकी लगाते हैं. इसलिए अगर आपक भी पवित्र नदी में नागा साधुओं के स्नान के बाद ही स्नान करें वरना ये नियमों का उल्लंघन व धार्मिक दृष्टि से अच्छा नहीं माना जाता है व शुभ फलों की प्राप्ति भी नहीं होती.
तीसरा नियम
महाकुंभ में पवित्र नदी में स्नान के बाद अपने दोनों हाथों से सूर्यदेव को अर्ध्य जरुर दें. इससे आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति को मजबूत भी करता है. ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
इन नियमों का पालन करने से आप महाकुंभ में स्नान करते हैं, तो आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. हालांकि इससे आपको आध्यात्मिक रुप से भी विकास करने करने में आपकी मदद करता है.
FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 12:22 IST