देवघर. कई व्यक्तियों का जीवन अच्छे से चल रहा होता है. लेकिन अचानक जीवन मे कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. अच्छा वक्त भी बुरा वक्त मे बदल जाता है. उसका एक कारण शनि की कुदृष्टि भी हो सकती है. जिसके ऊपर शनि की कुदृष्टि पड़ जाए तो जीवन मे कई तरह की समस्या उत्पन्न होने लगती हैं.
शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए शनि प्रदोष व्रत का दिन बेहद उत्तम है. साल का पहला प्रदोष व्रत शनिवार के दिन पड़ रहा है जिसे शनि प्रदोष कहा जाता है. कब है शनि प्रदोष व्रत और इस दिन क्या करना चाहिए, जानते है देवघर के ज्योतिषाचार्य से?
क्या कहते है देवघर के ज्योतिषाचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि नई साल यानी 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी दिन शनिवार पड़ रहा है. वैसे तो प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित रहता है. इस दिन सच्चे मन से भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना करने से सभी मनोकामना पूर्ण होती है और कष्ट का निवारण होता है. साथ ही यह प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहा है इसलिए शनि की वह दृष्टि से बचने के लिए विशेष उपाय कर सकते है.
शनि प्रदोष के दिन क्या करे उपाय
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर सरसों का तेल से भगवान शनि के ऊपर अर्पण करें. साथ ही शनि स्तोत्र का पाठ कर तिल के तेल का दिया जलाना चाहिए. इससे शनि की कुदृश्टि समाप्त वही शनि प्रदोष व्रत के दिन अगर शिवलिंग मे अभिषेक कर बेलपत्र और शम्मी का पत्ता अर्पण करते है साथ ही उपचार विधि से पूजा आराधना करते हैं तो भगवान शिव बेहद प्रसन्न होंगे हर कष्ट समाप्त हो जाएगा.
FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 13:50 IST