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ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं. मां दुर्गा की कृपा से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है.
Gudi Padwa 2025: गुड़ी पड़वा का पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. वैदिक पंचांग के अनुसार, हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी गुड़ी पड़वा के दिन से होती है. वैसे तो इसे देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में इसे विशेष तरह से मनाते हैं. चैत्र नवरात्र की भी इसी दिन से शुरुआत होती है.
शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म देव ने गुड़ी पड़वा के दिन ही सृष्टि की रचना की थी. गुड़ी पड़वा पर सृष्टि के रचयिता ब्रह्म देव की पूजा का भी विधान है. ज्योतिषाचार्य डॉ अरविंद पचौरी से जानते हैं कब है गुड़ी पड़वा और क्या है शुभ मुहूर्त.
गुड़ी पड़वा शुभ मुहूर्त
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी. चूंकि सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य होती है और इसलिए गुड़ी पड़वा 30 मार्च को मनाया जाएगा.
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इंद्र योग
ज्योतिषाचार्य डॉ अरविंद पचौरी के अनुसार, गुड़ी पड़वा के दिन इंद्र योग का निर्माण हो रहा है. गुड़ी पड़वा के दिन इंद्र योग का निर्माण शाम 05 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगा. माना इस योग में शुभ कार्य करने से सिद्धि मिलती है और ब्रह्म देव का आशीर्वाद भी आपको मिलता है.
इतना ही नहीं इस शुभ अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग शाम को 04 बजकर 35 मिनट से शुरु होगा और 31 मार्च को सुबह 06 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगा. हालांकि इस दिन गुड़ी पड़वा के साथ पंचक भी लग रहा है. इस दिन सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 35 मिनट तक पंचककाल रहेगा.
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गुड़ी पड़वा के दिन शुभ समय
गुड़ी पड़वा के दिन ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 41 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. वहीं इस दिन विजय मुहूर्त – दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.
इसके अलावा इस दिन गोधूलि मुहूर्त – शाम को 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इसके साथ ही गुड़ी पड़वा के दिन निशिता मुहूर्त- रात 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. इसलिए इस बार का गुड़ी पड़वा बहुत ही खास माना जाएगा.







