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28 या 29 जनवरी, कब है मौनी अमावस्या? मुहूर्त में ही करें स्नान-दान, तभी होगा पुण्य लाभ, जानें सब


Agency:Bharat.one Madhya Pradesh

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Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ और लाभकारी माना जाता है. इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं. इस बार तिथि को लेकर असमंजस है. उज्जैन के आचार्य से जानते हैं…और पढ़ें

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कब है मौनी अमावस्या?

उज्जैन. हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का खास महत्व है. खासकर माघ मास की अमावस्या जिसे मौनी अमावस्या भी कहते हैं, इसका महत्व तो शास्त्रों में अत्यधिक बताया गया है. यह दिन भगवान विष्णु और पितरों को समर्पित है. इस अवसर पर गंगा स्नान व दान का विशेष महत्व है. इस बार मौनी अमावस्या की तिथि को लेकर लोगों में संशय है. कुछ लोग मौनी अमावस्या 28 जनवरी की बता रहे तो कुछ 29 जनवरी की. ऐसे में उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज ने कन्फ्यूजन को दूर करते हुए सही तिथि बताई.

कब से मानी जाएगी अमावस्या थी?
आचार्य ने बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 जनवरी 2025 की रात 7:35 पर होगी. इसका समापन 29 जनवरी 2025 को शाम 6:05 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 29 जनवरी बुधवार के दिन ही मौनी अमावस्या मनाई जाएगी. ऐसे में गंगा आदि पवित्र नदी में स्नान-दान करने वाले श्रद्धालु 29 जनवरी को शाम के पहले पूजन कर लें, तभी पुण्य लाभ होगा.

इस दिन श्राद्ध, तर्पण का भी महत्व
मौनी अमावस्या पर गंगा नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पाप मिटते हैं. मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन पितरों की शांति के लिए श्राद्ध, जल तर्पण और पिंडदान के भी कार्य किए जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन दान-पुण्य के कार्यों के साथ ब्राह्मण और गरीबों को भोजन खिलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं. मौनी अमावस्या पर मौन व्रत भी रखा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या के दिन पितर अपने वंशजों से मिलने आते हैं. ऐसे में इस दिन श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्यों से परिवार के सदस्यों पर पितरों का आशीर्वाद बना रहता है.

मौनी अमावस्या के दिन क्या करें 
– मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान जरूर करें.
– भगवान विष्णु, लक्ष्मी जी और मां गंगा की पूजा करें.
– मौन व्रत या उपवास जरूर रखें.
– शाम में तुलसी के पास घी का दीया जलाएं.
– अन्न, धन, वस्त्र आदि का दान जरूर करें.
– सूर्य देव को जल अर्घ्य जरूर दें.
– ‘ॐ पितृ देवतायै नम:’ मंत्र का 11 बार जाप करें.

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28 या 29 कब है मौनी अमावस्या? मुहूर्त में ही करें स्नान-दान, तभी मिलेगा पुण्य

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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