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Learn 7 Things from Japanese: आपने सुना होगा कि जापानी लोग बहुत ज्यादा दिनों तक जीते हैं लेकिन वे बीमार भी कम पड़ते हैं और मोटे भी नहीं होते. अगर आप भी उनके 7 चीजों को उधार ले लेंगे तो कम बीमार पड़ेगे.

जापानी लोगों की संस्कृति में शामिल हैं ये चीजें.
Learn 7 Things from Japanese: क्या कभी आपने सोचा है कि जापानी लोग इतने ज्यादा दिनों तक क्यों जीते हैं. सिर्फ ज्यादा जीते ही नहीं बल्कि ज्यादा फिट और तंदुरुस्त भी रहते हैं. जापान में पेट के उपर चर्बी लोगों को न के बराबर होती है. ज्यादा मोटे भी नहीं होते. पूरी दुनिया में जापानी लोगों की हेल्थ को लेकर चर्चा की जाती है. जानते है इसके पीछे क्या कारण है. दरअसल, जापानी संस्कृति में ही इसके बीज छुपे हुए हैं. ये लोग ज्यादा मिल-जुलकर रहते हैं और बहुत ही पौष्टिक भोजन करते हैं. भोजन को भी एक-दूसरे के साथ शेयर करते हैं. रोज एक्सरसाइज करना इनकी संस्कृति का हिस्सा है. ये लोग ज्यादातर चीजों को सूप बनाकर पीते हैं ताकि इससे अधिकतम पौष्टिकता प्राप्त कर सके. चाय भी ये हर्बल पीते हैं. क्या आप इनकी जिंदगी से हेल्थ को लेकर कुछ उधार लेना चाहेंगे. अगर ये 7 चीजें इनसे सीख जाएंगे तो मुश्किल से ही बीमार पड़ेंगे और पेट पर चर्बी तो न के बराबर होगी.
इन 7 चीजों को जीवन में शामिल करें
1. हर कौर का आनंद ले-टीओआई की खबर के मुताबिक जापानियों से उधार लेने वाली सबसे प्रभावी आदतों में से एक है उनके खाने का तरीका. वे धीरे-धीरे खाते हैं और हर कौर का आनंद लेते हैं. यह जापानी संस्कृति का हिस्सा है. जापानी हर कौर के बीच स्वाद को महसूस करने के लिए रुकते हैं. इससे बेहतर पाचन में मदद मिलती है और शरीर को यह संकेत देने का समय मिलता है कि वह कब भरा हुआ है. धीरे-धीरे खाना खाने से आपके पेट को दिमाग के साथ तालमेल बैठाने का समय मिलता है, जिससे अधिक खाने से बचाव होता है.
2. कम खाते हैं-भारत में लोग किसी भी चीज पर टूट पड़ते हैं लेकिन जापान के लोग विभिन्न तरह के फूड का कम-कम हिस्सा लेते हैं. यानी भोजन छोटे हिस्सों में परोसा जाता है, जिससे लोग बिना अधिक खाए विभिन्न प्रकार के भोजन का आनंद ले पाते हैं. ऐसा नहीं है कि ये लोग कम खाते हैं बल्कि कई चीजों को खाते हैं लेकिन सब बहुत कम मात्रा में. 2019 के एक अध्ययन के मुताबिक लोग जब छोटे हिस्से में खाना खाते हैं, तो वे कम खाते हैं और विविध आहार अधिक पोषण प्रदान करता है.
3. शारीरिक गतिविधियां-रोज की शारीरिक गतिविधियां जापानी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. ऐसा नहीं है कि ये लोग जिम जाकर एक्सरसाइज करते हैं बल्कि अपनी दैनिक दिनचर्या में गतिशीलता को शामिल करते हैं, चाहे वह चलना हो, साइकिल चलाना हो या पूरे दिन सक्रिय रहना हो. खासकर टोक्यो जैसे शहरों में जहां अधिकांश लोग या तो सार्वजनिक परिवहन की सेवा लेते हैं या पैदल चलते हैं. चलने की प्रथा यहां विशेष रूप से सामान्य है.
4. हारा हाची बू की कला- जापान में, एक सदियों पुराना सिद्धांत है जिसे ‘Hara Hachi Bu’ कहा जाता है. इसका मतलब होता है पेट को सिर्फ 80 प्रतिशत तक भरना. इससे ज्यादा कभी नहीं भरना. यानी ये लोग कभी भी पूरा पेट भरकर नहीं खाते हैं. हमेशा इन लोगों के पेट का एक हिस्सा खाली रहता है. एक अध्ययन में भी पाया गया है कि यदि आप हमेशा भर पेट नहीं खाएंगे तो इससे वजन नहीं बढ़ेगा.
5. कम चीनी, अधिक ग्रीन टी- कई पश्चिमी आहारों के विपरी, जापानी बहुत कम चीनी का सेवन करते हैं. इसके बजाय वे हरी चाय का आनंद लेते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है और मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करती है. ग्रीन टी या माचा टी सदियों से जापानी संस्कृति का हिस्सा रही है. इसमें बेहतर पाचन और फैट बर्न की क्षमता शामिल है.माचा चाय में कैटेचिन्स होते हैं, जो फैट बर्न और मेटाबॉलिज़्म को बूस्ट करने में मदद करता है.
6. सीजनल चीजें- जापान में, मौसमी खाद्य पदार्थों को खाने का गहरा संबंध है. यह न केवल ताजे और पोषक तत्वों से भरपूर आहार सुनिश्चित करता है बल्कि हर तरह के भोजन को बढ़ावा देता है. प्रकृति ने शरीर की जरूरतों के हिसाब से उस मौसम में वहीं चीज बनाया है ताकि लोगों की जरूरतें पूरी हो सके. भारत में भी पहले के जमाने में ऐसा ही किया जाता था.
7. भोजन को शेयर करना-जापानी लोग खाने में सोशल शेयरिंग को प्रोत्साहित करते हैं. वे अक्सर अपने दोस्तों और परिवार के साथ खाना खाते हैं. भोजन की मेज अक्सर अपनों से एक जुड़ाव का समय होता है, जहां लोगों को धीरे-धीरे और संयमित रूप से खाने के लिए प्रोत्साहित करता है. साझा करने का मतलब है कि सभी के लिए छोटे हिस्से होते हैं, जो लोगों को अधिक खाने से रोकता है.
January 27, 2025, 18:10 IST
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