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सरस्वती पूजा को लेकर अब भी लोग कंफ्यूज हैं कि किस तारीख को बसंत पंचमी है. इसको लेकर आचार्य राम कुमार झा ने विशेष जानकारी दी है. आइए जानते हैं कि सरस्वती पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त कब है.

सरस्वती पूजा प्रारंभ करने की तिथि
हाइलाइट्स
- सरस्वती पूजा 3 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी.
- पूजा का शुभ मुहूर्त 3 फरवरी को 9:48 मिनट पर है.
- विसर्जन पूजा के एक दिन बाद होगा.
मधुबनी:- सरस्वती पूजा सनातन धर्म को मानने वाले या यू कहें कि हर विद्यार्थी शिक्षा, संगीत आदि से जुड़े लोगों के लिए बहुत बड़ा पर्व है. ऐसे में जानते हैं कि इस बार 2025 में सरस्वती पूजा की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि क्या है. माता सरस्वती की प्रतिमा की स्थापना से लेकर प्रतिमा विसर्जन का सही मुहूर्त क्या है. सरस्वती पूजा भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है. यह पर्व देवी सरस्वती को समर्पित है, जो विद्या, ज्ञान, संगीत और कला की देवी मानी जाती है. सरस्वती पूजा मुख्य रूप से माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है, जिसे दूसरे शब्दों में बसंत पंचमी भी कहा जाता है.
तिथि और मुहूर्त में एक दिन का हेर-फेर
आचार्य राम कुमार झा Bharat.one से बातचीत में बताते हैं कि भारत में हर राज्य के लोग अलग-अलग पंचांग को मानते हैं. लेकिन हम बिहार में हैं और यहां मूर्ति की पूजा होती है. दूसरे प्रांत में एक दिन पहले ऐसा होता है. दरअसल एक दिन का हेर-फेर तिथि, मुहूर्त का होता है. ऐसे में यहां मिथिलांचल में मिथिला पंचांग को मानते हैं.
जानिए सही तिथि और मुहूर्त
ज्योतिषशास्त्र के उदयव्यापनी के मुताबित, सूर्य जिस तिथि को निकलता है, उसी तिथि को सरस्वती पूजा माना जाता है. ऐसे में मैथिल पंचांग की मानें, तो इस बार 2 फरवरी दिन में 12:05 मिनट से पंचमी तिथि शुरू हो जाती है. चूंकि 2 फरवरी को 12 बजे के बाद चौठ (चतुर्थी) है, इसलिए 3 फरवरी को सरस्वती पूजा मनाई जाएगी. वैसे 3 फरवरी को पूरे दिन पूजा किया जाएगा, लेकिन शुभ मुहूर्त 9 :48 मिनट दिन में पंचमी है. यानि सरस्वती पूजा प्रारंभ करने का समय 3 फरवरी 2025 को 9 बजकर 48 मिनट पर है, जबकि एक दिन बाद पूजा का विसर्जन किया जाएगा.
Madhubani,Bihar
January 31, 2025, 16:30 IST
सरस्वती पूजा को लेकर अब भी कंफ्यूज! यहां जानें बसंत पंचमी की तिथि और मुहूर्त
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.