Thursday, October 2, 2025
26 C
Surat

Vasant Panchami: वसंत पंचमी के खास दिन मां सरस्वती की पूजा, महादेव के तिलक के साथ ही होगी फगुआ गाने की शुरुआत….


Agency:Bharat.one Bihar

Last Updated:

Vasant Panchami: वसंत पंचमी का संबंध होली के त्योहार से भी है. बिहार भर में वसंत पंचमी के साथ ही होली की शुरुआत हो जाती है. इतना ही नहीं होली के दौरान बिहार के कई इलाकों में फगुआ गाने की परंपरा है.

X

सरस्वती
title=सरस्वती पूजा को लेकर यहां है काफी अनोखी परंपरा
/>

सरस्वती पूजा को लेकर यहां है काफी अनोखी परंपरा

हाइलाइट्स

  • वसंत पंचमी से होती है होली की शुरुआत
  • बिहार में फगुआ गाने की परंपरा
  • वसंत पंचमी पर होती है मां सरस्वती की पूजा

जमुई. वसंत पंचमी का त्योहार पूरे बिहार में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसे तो इस त्यौहार का संबंध शिक्षा से जुड़े लोग, छात्र-छात्राओं एवं विद्यार्थियों से है. लेकिन बिहार में बसंत पंचमी को लेकर एक खास परंपरा का भी निर्वहन किया जाता है. वसंत पंचमी का संबंध होली के त्योहार से भी है,  बिहार भर में वसंत पंचमी के साथ ही होली की शुरुआत हो जाती है. इतना ही नहीं होली के दौरान बिहार के कई इलाकों में फगुआ गाने की परंपरा है. यह भी मान्यता है कि वसंत पंचमी के दौरान ही फगुआ गाने की शुरुआत हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है और इसके पीछे की वजह क्या है. कर्मकांडी पंडित गोपाल पांडेय बताते हैं कि वसंत पंचमी का संबंध महाशिवरात्रि से भी  है.

वसंत पंचमी के बाद ही होती है फगुआ गाने की शुरुआत
होली के दौरान लोग एक दूसरे को रंग, अबीर और गुलाल लगाकर होली मनाते हैं. लेकिन बिहार में फगुआ गाने की बड़ी पुरानी परंपरा है. होली के दौरान लोग पारंपरिक फगुआ गीत गाते हैं. पर ऐसा कहा जाता है कि इसे होली के अगले दिन से नहीं गया जाता. फिर आप पूरे साल इसे कभी नहीं गा सकते. फगुआ गाने पर पूरी तरीके से बाध्यता होती है.

आज भी गुलाल लगाकर देते हैं शुभकामनाएं 
फगुआ गाने की शुरुआत सरस्वती पूजा के दौरान ही हो जाती है. वसंत पंचमी के दौरान लोग ढ़ोलक, झाल इत्यादि लेकर बैठते हैं और फगुआ गाने की शुरुआत करते हैं. इस परंपरा का निर्वहन बड़े लंबे समय से किया जा रहा है और वसंत पंचमी के दौरान ही लोग एक दूसरे को अमीर गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं भी देते हैं. ऐसा माना जाता है की होली के पूरे त्यौहार की शुरुआत वसंत पंचमी से ही हो जाती है.

भगवान शंकर से भी है काफी खास संबंध 
कर्मकांडी पंडित गोपाल पांडेय ने बताया कि वसंत पंचमी का भगवान शंकर से भी काफी खास संबंध है. महाशिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ का विवाह बड़ी धूमधाम से किया जाता है, लेकिन उनका तिलकोत्सव वसंत पंचमी के दिन ही मनाया जाता है. इसलिए वसंत पंचमी को काफी धूमधाम से मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि वसंत पंचमी के दिन भगवान मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. जिस जगह पर मां की प्रतिमा स्थापित की जाती है उस जगह पर भगवान भोलेनाथ के तिलकोत्सव के गीत गाए जाते हैं. इसके साथ ही अलग-अलग शिव मंदिरों में भी भव्य आयोजन किया जाता है तथा भगवान भोलेनाथ के तिलकोत्सव की तैयारी भी की जाती है. प्रतिमा स्थापित करने वाले स्थल पर भी लोग फगुआ गाते हैं तथा होली की शुरुआत करते हैं. सरस्वती पूजा के दौरान ही माता सरस्वती को अबीर-गुलाल भी चढ़ा दिया जाता है.

homelifestyle

सरस्वती पूजा नहीं, एक साथ मनाए जाएंगे कई पर्व, जानें क्यों वसंत पंचमी है खास


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-vasant-panchami-2025-this-special-festival-starts-with-saraswati-puja-there-is-a-unique-tradition-here-regarding-vasant-panchami-local18-9004334.html

Hot this week

Topics

Purnia SukhSena unique Durga Visarjan tradition for 43 years

Last Updated:October 02, 2025, 21:06 ISTPurnia Durga Visarjan...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img