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बेहद प्राचीन है गणेश जी का यह मंदिर, यहां भगवान राम ने की थी पूजा, जानिए मान्यता


Agency:Bharat.one Uttar Pradesh

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Azamgarh Ancient Ganesh Temple: आजमगढ़ के लाल दिग्गी इलाके में स्थित प्राचीन गणेश मंदिर का इतिहास प्रभु श्री राम के वन गमन से जुड़ा है. यूपी में ऐसे तीन गणेश पीठों में से एक है. यह मंदिर आजमगढ़ के लोगों के लिए …और पढ़ें

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भगवान

भगवान गणेश की मूर्ति

हाइलाइट्स

  • आजमगढ़ के लाल दिग्गी में प्राचीन गणेश मंदिर है.
  • भगवान राम ने वन गमन के दौरान यहां पूजा की थी.
  • यह यूपी के तीन प्रमुख गणेश पीठों में से एक है.

आजमगढ़: जिले में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जो पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से विशेष महत्व रखते हैं. जिले में कई ऐसे भी स्थान हैं, जो रामायण काल से संबंध रखते हैं. इसी तरह आजमगढ़ शहर क्षेत्र के लाल दिग्गी इलाके के पास स्थित गणेश भगवान का एक प्राचीन मंदिर है, जो ऐतिहासिक और पौराणिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है. इस मंदिर का इतिहास प्रभु श्री राम के वन गमन से जुड़ा हुआ है.

तमसा नदी के किनारे बसता था यह क्षेत्र

मंदिर के महंत राजेश मिश्रा ने लोकल-18 से बातचीत करते हुए बताया कि इस गणेश मंदिर की मान्यता भगवान श्री राम के वन यात्रा से जुड़ी हुई है. प्रभु श्री राम वन जाते समय अपनी पहली रात प्रजा के साथ इसी स्थान पर गुजारे थे. यहां भगवान राम ने पूजा की थी. भगवान राम ने इसी स्थान से अपने वन गमन की यात्रा अकेले प्रारंभ की थी और अपनी प्रजा को छोड़कर ऋषि विश्वामित्र के साथ आदि गंगा नदी के किनारे स्थित भारतद्वाज ऋषि के आश्रम चले गए थे. इसके अलावा यह क्षेत्र पहले तमसा नदी के किनारे हुआ करता था और तमसा नदी के आरंभ से अंत तक यह इकलौता गणेश जी का मंदिर है, जो तमसा नदी के किनारे पड़ता है.

यूपी में केवल तीन ऐसे मंदिर मौजूद

मंदिर के महंत राजेश मिश्रा ने बताया कि मान्यता तो यह भी है कि पूरे प्रदेश में मात्र तीन विघ्नहर्ता गणेश के पीठ हैं, जिसमें एक स्थान जिले का यह बड़ा गणेश मन्दिर भी रखता है. यह मंदिर जिले में ऐतिहासिक एवं पौराणिक धरोहरों में से एक है, जो आज भी जिले एवं आसपास के भक्तों की आस्था के मुख्य केंद्रों में से एक है. मशहूर तीन गणेश पीठों में पहले लखनऊ शहर के गणेशगंज क्षेत्र में स्थित है. इसके बाद वाराणसी के लोटीया क्षेत्र में है. इन दोनों के बाद तीसरा स्थान गणेश टीला के नाम से मशहूर यह गणेश जी का मन्दिर है.

इस मंदिर में आमतौर पर श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा होती है, लेकिन विशेष रूप से बुधवार के दिन इस मंदिर प्रांगण में मेले का आयोजन किया जाता है. आसपास के क्षेत्र से भक्तों के द्वारा भंडारे आदि की व्यवस्था की जाती है. किसी कार्य की शुरुआत में सबसे पहले भगवान गणेश जी का आशीर्वाद लिया जाता है. इसी मान्यता के साथ शहर एवं आसपास के क्षेत्र के लोग यहां पर भारी संख्या में इकट्ठा होते हुए पूजा अर्चना करते हैं.

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बेहद प्राचीन है गणेश जी का यह मंदिर, यहां भगवान राम ने की थी पूजा

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