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Magh Purnima 2025 Upay: माघ माह की पूर्णिमा को ‘माघी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं, इसलिए गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन किया गया…और पढ़ें

माघ पूर्णिमा पर पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
हाइलाइट्स
- माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है.
- पितृ दोष से मुक्ति के लिए तर्पण और दान करें.
- सूर्य और चंद्रमा को अर्घ्य देने से पितृ दोष समाप्त होता है.
ऋषिकेश: हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है. यह तिथि धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पावन मानी जाती है. इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितरों की तृप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन किए गए उपायों से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितृ दोष को सात पीढ़ियों तक चलने वाला दोष माना गया है, जो व्यक्ति के जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है. इसलिए माघ पूर्णिमा पर विशेष उपाय करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है.
माघ पूर्णिमा का महत्व
Bharat.one के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित श्री सच्चा अखिलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी शुभम तिवारी ने कहा कि माघ माह की पूर्णिमा को ‘माघी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु स्वयं गंगाजल में निवास करते हैं, इसलिए गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इस दिन किया गया दान-पुण्य, स्नान और व्रत कई जन्मों के पापों से मुक्ति दिलाता है. इसके अलावा, यह दिन पितरों को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. माघ पूर्णिमा इस वर्ष 12 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी. इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितरों की तृप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं. पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी 2025 को शाम 6:55 बजे से शुरू होकर 12 फरवरी 2025 को शाम 7:22 बजे समाप्त होगी. इस दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं, इसलिए गंगा स्नान का विशेष महत्व है. यदि गंगा स्नान संभव न हो, तो घर में स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में लगातार बाधाएं आ रही हैं, आर्थिक तंगी बनी रहती है या परिवार में अशांति है, तो इसका कारण पितृ दोष हो सकता है. माघ पूर्णिमा पर किए गए कुछ सरल उपाय इस दोष को दूर कर सकते हैं:
1. गंगा स्नान और तर्पण:
माघ पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी, विशेष रूप से गंगा में स्नान करें। यदि संभव न हो तो घर में स्नान के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें और जल में तिल डालकर अर्पित करें.
2. सूर्य को अर्घ्य दें:
प्रातःकाल सूर्य को जल अर्पित करें और “ॐ पितृभ्यः नमः” मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
3. दीप जलाना और पाठ करना:
इस दिन अपने घर की दक्षिण दिशा में एक चौमुखी दीपक जलाएं और पितृ स्तोत्र, पितृ कवच, या गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करें. इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और जीवन में शुभता आती है.
4. भोजन अर्पण करना:
माघ पूर्णिमा पर अपने पूर्वजों की पसंद का भोजन बनाएं और विधिवत रूप से अर्पित करें. भोजन का एक भाग गाय, कुत्ते और कौवे को खिलाएं, जिससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है और वे आशीर्वाद देते हैं.
5. चंद्रमा को अर्घ्य दें:
रात को चंद्रोदय के बाद जल में कच्चा दूध, सफेद फूल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें. इससे मानसिक शांति मिलती है और पितृ दोष समाप्त होता है.
Rishikesh,Dehradun,Uttarakhand
February 06, 2025, 11:22 IST
पितृदोष से पाना चाहते हैं मुक्ति, तो माघ पूर्णिमा के दिन कर लें ये उपाय
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