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रवि प्रदोष व्रत में शिव भक्त व्रत रखकर विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं. इस दिन त्रिपुष्कर और प्रीति योग बन रहा है. पूजा का समय शाम 7:25 से 8:42 तक है.

रवि प्रदोष व्रत आज, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें पूजा, मिलेगा संपूर्ण फल
हाइलाइट्स
- रवि प्रदोष व्रत में शिव और पार्वती की पूजा करें.
- पूजा का समय शाम 7:25 से 8:42 तक है.
- त्रिपुष्कर और प्रीति योग बन रहा है.
Ravi Pradosh Vrat Puja Vidhi: देवों के देव महादेव को समर्पित प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व माना जाता है. शिव भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और माता पार्वती संग भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करते हैं. माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने से जातक के जीवन में मौजूद हर प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे मनोवांछित फल पाने के लिए प्रदोष व्रत बहुत ही उत्तम माना जाता है. आइए जानते हैं पंडित रमाकांत मिश्रा से प्रदोष व्रत पूजा विधि और किस मुहूर्त में करें पूजा
रवि प्रदोष व्रत मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, रवि प्रदोष की पूजा आज शाम को प्रदोषकाल में की जाएगी. बताया जा रहा है कि रवि प्रदोष व्रत पूजा के लिए व्रतियों के लिए आज सिर्फ सवा घंटे का समय मिलेगा. जिसके अनुसार आप शिव पूजा शाम के समय 7 बजकर 25 मिनट से रात 8 बजकर 42 मिनट के बीच कर सकते हैं.
इस दिन बन रहे त्रिपुष्कर समेत 2 शुभ योग
रवि प्रदोष व्रत के दिन त्रिपुष्कर समेत 2 शुभ योग बन रहे हैं. प्रदोष के दिन त्रिपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है, जो शाम को 05 बजकर 53 मिनट से शाम 07 बजकर 25 मिनट तक रहेगा. इसके साथ आज प्रीति योग का निर्माण भी हो रहा है, जो कि दोपहर को 12 बजकर 7 मिनट से प्रारंभ होगा और पूरी रात तक रहेगा.
प्रदोष व्रत संपूर्ण पूजा विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का संकल्प लें, इसके बाद पूजा घर की अच्छे से सफाई करें और फिर वहां पूजा करने वाले स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें. इसके बाद शिव परिवार सहित समस्त देवि-देवताओं का विधिवत पूजन करें. फिर एक पात्र में शिवलिंग को विराजमान कर उनका पंचामृत से अभिषेक करें और उनका पूर्णरुप से श्रृंगार करें.
भगवान शिव पर बेल पत्र, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें और फिर प्रदोष व्रत कथा सुनकर आरती करें. आरती के बाद शिव चालीसा का पाठ जरूर करें और फिर व्रत का पारण करें.
रवि प्रदोष व्रत में क्या खाएं
मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत का पारण शाम को पूजा के बाद किया जाता है. इस दिन आपको हरे मूंग का सेवन करना अच्छा माना जाता है, क्योंकि मूंग को लक्ष्मी तत्व माना जाता है. हालांकि इस दिन कई लोग फलाहार भी करते हैं. लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि रवि प्रदोष व्रत में सादा नमक, लाल मिर्च, चावल का सेवन नहीं करना चाहिए.
February 09, 2025, 07:30 IST
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https://hindi.news18.com/news/dharm/ravi-pradosh-vrat-puja-vidhi-this-method-to-get-blessings-of-lord-shiv-know-importance-in-hindi-9018123.html