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बागेश्वर के इस मंदिर के घी से दूर होगा चर्म रोग, जाने कब और कहां मिलेगा


Agency:Bharat.one Uttarakhand

Last Updated:

Baba bagnath temple ghee : ये उत्तराखंड का एकमात्र दक्षिण मुखी मंदिर है. यहां माघ में शिवलिंग पर चढ़ाया घी फाल्गुन में भक्तों को बांटा जाता है. मान्यता है कि ये शरीर संबंधी विकारों को दूर कर देता है.

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बागनाथ

बागनाथ मंदिर का घी

हाइलाइट्स

  • बागेश्वर का बाबा बागनाथ मंदिर दक्षिण मुखी है.
  • माघ में शिवलिंग पर चढ़ाया घी फाल्गुन में बांटा जाता है.
  • घी चर्म रोग और अन्य विकारों को दूर करने में सहायक.

बागेश्वर. उत्तराखंड पर देवी-देवताओं की विशेष कृपा रही है. यहां पूरे साल देशभर से आने वाले भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां के कई मठ-मंदिरों के विशेष मान्यता है. बागेश्वर जिले में बाबा बागनाथ मंदिर भी इनमें से एक है. इस मंदिर से जुड़ी प्रत्येक चीज भक्तों के जीवन में खुशहाली लाती है. इस मंदिर में माघ के महीने में भगवान शिव को घी का आवरण चढ़ाया जाता है. घी के आवरण को फाल्गुन महीने की पहली गते को निकाला जाता है. शिवलिंग के आवरण से निकाले घी को बेहद ही शक्तिशाली माना जाता है. घी को प्रसाद के रूप में भक्तों को बांटा जाता है.

अपनी तरह का अकेला मंदिर

बाबा बागनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष नंदन रावल Bharat.one से कहते हैं कि ये उत्तराखंड का एक मात्र दक्षिण मुखी मंदिर है. दक्षिण मुखी मंदिर बागेश्वर के अलावा सिर्फ राजस्थान में है. दक्षिण मुखी शिव मंदिर में विशेष शक्ति होती है. इन मंदिरों की अपनी खास मान्यता है. बागनाथ मंदिर बहुत बड़ा धाम है. यहां भगवान शिव ने बाघ और माता पार्वती ने गाय का रूप धारण किया था. पहले मंदिर का नाम व्याघ्रेश्वर था. बाद में बदलकर बागनाथ कर दिया गया. मंदिर में चढ़ने वाला घी श्रद्धालु की ओर से आता है. भगवान शिव को मकर संक्रांति के त्रिमाघी स्नान के बाद घी का आवरण चढ़ाया जाता है. फाल्गुन महीने की एक गते को सुबह चार बजे स्नान के बाद घी का आवरण हटाया जाता है. शिवलिंग से निकाला गया घी प्रधान पुजारी के घर जाता है. यहां से भक्तों को बांटा जाता है.

रोगों से मुक्ति दिलाता है घी

शिवलिंग से निकालने के बाद इस घी को खाया या दीपक इसका दीपक नहीं जलाया जाता है, बल्कि इसे शरीर में लगाया जाता है. इसे शरीर के ऐसे हिस्से में लगाया जाता है जो रोग जनित है. मान्यता है कि ऐसा करने से शरीर संबंधी सभी विकार दूर होते हैं. खासतौर पर चर्म रोग के मरीज इस घी को लगाने से ठीक हो जाते हैं. वात, गठिया जैसी बीमारियां से छुटकारा पाने के लिए भी इस घी का इस्तेमाल होता है. कहा जाता है कि एक महीने तक शिवलिंग के आवरण में होने से ये घी को बेहद शक्तिशाली बन जाता है. आप इस घी को बागनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष नंदन रावल के घर से प्राप्त कर सकते हैं.

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