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उठने-बैठने से लेकर हिलने-डुलने तक में दिक्कत, ये पौधा दिलाएगा मुक्ति, तर जाएंगे आप


Agency:Bharat.one Uttar Pradesh

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Sciatic Pain Relief : ये एक तरीके का तंत्रिका तंत्र से संबंधित दर्द है जो पीठ के निचले हिस्से से लेकर दोनों पैरों तक को अपनी चपेट में लेता है. दर्द इतना तीव्र और असहनीय हो सकता है कि चलने-फिरना तक दूभर हो जाएगा…और पढ़ें

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हाइलाइट्स

  • साइटिका का दर्द पीठ से पैरों तक होता है.
  • आयुर्वेदिक उपचार में निर्गुंडी, अरंड, हरसिंगार उपयोगी.
  • काढ़े का सेवन सुबह-शाम खाली पेट करें.

बस्ती. हमारे यहां लोग हमेशा से आयुर्वेद का लोहा मानते आए हैं. भारत कई ऐसे पेड़-पौधों का घर है, जिनमें औषधीय गुण कूट-कूट कर भरे हैं. इन पौधों का उपयोग कई बीमारियों से निजात पाने में किया जाता है. इन दिनों की हेक्टिक जीवनशैली के कारण लोग खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाते, जिस कारण उन्हें कई बीमारियां घेर रही हैं. साइटिका एक ऐसी समस्या है जो पहले केवल बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब यूथ को भी अपनी चपेट में ले रही है. ये एक तरह से तंत्रिका तंत्र से संबंधित दर्द है जो खासतौर पर पीठ के निचले हिस्से से लेकर दोनों पैरों तक होता है. साइटिका का दर्द बहुत तीव्र और असहनीय हो सकता है. ये चलने-फिरने, काम करने और उठने-बैठने तक में बाधा डालता है.

बढ़ेगा मानसिक तनाव

राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रघुनाथपुर के चिकित्साधिकारी डॉ. सौरभ BAMS, MS (अमृता विश्वविद्यापीठम यूनिवर्सिटी केरल) ने Bharat.one को इसके खतरों के बारे में विस्तार से बताया. डॉ. सौरभ के अनुसार, साइटिका के लक्षणों में सबसे प्रमुख पीठ के निचले हिस्से से पैर तक होने वाला दर्द है. ये दर्द इतना तीव्र हो सकता है कि हिलने-डुलने तक में मुश्किल हो जाती है. पैरों में कमजोरी, सुन्न होने की संभावना और सुई चुभने जैसा दर्द भी महसूस हो सकता है. कई बार पैर की उंगलियों या पूरे पैर में झुनझुनी और असहनीय दर्द होता है. ये स्थिति न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को परेशान कर देती है.

आयुर्वेदिक उपचार

डॉ. सौरभ बताते हैं कि साइटिका का आयुर्वेदिक इलाज संभव है. इससे निदान के लिए कुछ खास जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जा सकता है. निर्गुंडी, अरंड और हरसिंगार की पत्तियों का सेवन साइटिका के दर्द को कम करने में कारगर है. इन पत्तियों के उपयोग से न केवल दर्द में राहत मिलती है, बल्कि ये सूजन भी कम करने में मदद करता है और हड्डियों के खोखलेपन को ठीक करने में सहायक है.

कैसे करें सेवन

डॉ. सौरभ बताते हैं कि साइटिका के उपचार के लिए निर्गुंडी, अरंड और हरसिंगार की पत्तियों को 50 से 60 ग्राम की मात्रा में लेकर 100 ग्राम पानी में डालें. इस मिलावट को तब तक उबालें जब तक इसमें 25 ग्राम पानी न रह जाए. इसके बाद इस काढ़े का सेवन करें. इस काढ़े का सेवन सुबह-शाम खाली पेट करना होगा. निरंतर इसके सेवन से साइटिका से धीरे-धीरे राहत मिलती है और शरीर में सूजन कम हो जाता है.

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उठने-बैठने से लेकर हिलने-डुलने तक में दिक्कत, ये पौधा दिलाएगा मुक्ति


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-if-you-are-troubled-by-sciatica-then-consume-nirgundi-castor-and-harsingar-leaves-local18-9053476.html

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