Last Updated:
Cancer Defensive Mechanism: आज की दुनिया में कैंसर बहुत बड़ी बीमारी है. कैंसर के बहुत बड़े सर्जन डॉ. अंशुमान कुमार कहते हैं कि कैंसर के तत्व हर इंसान में मौजूद होते हैं. अगर आपके बॉडी का डिफेंसिव मैकेनिज्म अच्छ…और पढ़ें

कैंसर को खत्म करने का तरीका.
हाइलाइट्स
- रोजाना शरीर में हजारों कैंसर कोशिकाएं बनती है.
- हमारा डिफेंसिव सिस्टम इन कोशिकाओं को मार देता है.
- अगर डिफेंस कमजोर हो तो कैंसर कोशिकाएं ग्रोथ कर जाती है.
Cancer Defensive Mechanism: सन 2050 तक विश्व में हर 20 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवन काल में कभी न कभी कैंसर से जूझना पड़ेगा. यह आंकड़ा बहुत डरावना है. आज की तारीख तक कैंसर का कोई भी मुकम्मल इलाज नहीं है. कैंसर होने पर अगर शुरुआती दौर में पता चल गया तो इसे दबा दिया जाता है लेकिन शरीर से यह पूरी तरह से गायब नहीं होता है. अगर शरीर का डिफेंसिव मैकेनिज्म बढ़िया है तो बाद में यह उभर नहीं पाता लेकिन अगर आपका डिफेंसिव सिस्टम कमजोर है तो इसके दोबारा से होने का खतरा वैसे ही है जैसे नए में होता है. फिर कैंसर जैसी बीमारी से बचने का उपाय क्या है. क्या कोई भी इससे बच नहीं सकता. धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के सर्जन डॉ. अंशुमन कुमार न्यूज 18 से बातचीत करते हुए बताया कि बिल्कुल बच सकता है लेकिन इसके लिए आपको बदलना होगा. उन्होंने कैंसर से बचने का महान उपाय बताया है.
कैंसर होता क्यों है
कैंसर सर्जन डॉ. अंशुमन कुमार बताते हैं कि हर इंसान के शरीर में कैंसर के तत्व मौजूद रहते हैं. मतलब यह कि हर दिन हर इंसान के शरीर में हजारों कैंसर कोशिकाएं बनती हैं और मरती है. हर दिन हमारे शरीर का डिंफेस सिस्टम इन कैंसर कोशिकाओं को खोज-खोज कर मार देता है. अगर यह डिफेंस सिस्टम कमजोर है तो यही कोशिकाएं धीरे-धीरे अपनी संख्या बढ़ाने लगती है और कई सालों के बाद पूर्ण कैंसर कोशिकाओं में बदल जाती है. कुछ मामलों को छोड़कर इसके लिए हम खुद ही जिम्मेदार है. जब हम अपने व्यवहार से, अपने घटिया खान-पान से और अपनी घटिया लाइफस्टाइल से इन कोशिकाओं को प्रताड़ित करने लगते हैं तो इन कोशिकाओं की संरचना बदलने लगती है. एक तरह से यह शरीर में आतंकवादी की तरह पनपने लगता है. लेकिन हमारे शरीर में इन आतंकवादियों को मारने के लिए डिफेंसिव सिस्टम के रूप में सेना गश्त में लगी रहती है और इसे मार देती है. पर यदि आप इसे ज्यादा प्रताड़ित करेंगे तो ये कोशिकाओं धीरे-धीरे इन सेनाओं को भी चकमा देने लगती है. इस स्टेज पर भी बॉडी आपको सिग्नल देती है कि अभी भी मौका है सुधार जाओ. अगर इस स्थिति में नहीं सुधरे तो फिर अंत में यही कोशिका कैंसर कोशिकाओं में बदल जाती हैं.
कैंसर कभी हो न, इसके लिए क्या करें
डॉ. अंशुमान कुमार ने बताया कि जैसा कि हमने कहा है कैंसर हमारी गलतियों के कारण होती है. कुछ मामलों में जीन और पर्यावरण जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन अधिकांश मामलों में हम खुद जिम्मेदार होते हैं. शरीर में कैंसर कोशिकाएं पनपे न इसके लिए बहुत ही सिंपल उपाय है. MMMS यानी थ्री एम और एस को फॉलो कीजिए. इस थ्री एम का मतलब है मील यानी हेल्दी भोजन, दूसरे एम का मतलब है मूवमेंट यानी शरीर को हरकत में रखना और तीसरे एम का मतलब है माइंड यानी मन को खुश रखना, अंत में एस का मतलब है कि स्लीप यानी अच्छी नींद. अब इन्हें विस्तार से समझते हैं –
M-Meal-हेल्दी मील
डॉ. अंशुमान कुमार ने बताया कि सबसे पहले घटिया खाना बंद करें. रिफांड, प्रोसस्ड, ऑयली, पैकेज्ड खाना न खाएं. फास्ट फुड, जंक फूड, अल्कोहल, सिगरेट शरीर की कोशिकाओं को कैसर कोशिकाओं में बदलने से रोकने वाले डिफेंसिव मैकेनिज्म को कमजोर करता है. फिर खाएं क्या,डॉ. अंशुमान कहते हैं रिजनल खाएं और सीजनल खाएं. मतलब आपके आसपास जो हरी सब्जियां हर सीजन में उपलब्ध है, वही खाएं. होलसम फूड फॉर होलसम हेल्थ. मतलब अधिकांश चीजें साबुत खाएं और स्वस्थ रहें. चाहे चावल, दाल, गेहू हो हल्का पक्का कर खाएं, ताजा खाएं, खाने से मीठी चीजें हटा दें. हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें. खाने से पहले फाइबर वाल चीजें खाएं ताकि पेट में कोटिग हो जाएगा और अगर कुछ खराब खाना भी है तो उसका असर नहीं रहेगा. इसके लिए हर तरह का सलाद खाएं. चोकर के साथ आटा से बनी रोटियां खाएं. सब्जी-दाल की मात्रा बढ़ाएं, ताजे फल खाएं. इसी से बीपी, डायबिटीज, मोटापा सब कंट्रोल रहेगा. ये सब कंट्रोल रहेगा तो कैंसर आपको छू भी नहीं पाएगा. रात में न खाएं तो यह ज्यादा बेहतर है.
M-Movement-मूवमेंट
मूवमेंट का मतलब है कि आपके शरीर में हरकत होनी चाहिए. इसके लिए भारतीय योगा सबसे बेस्ट है. जितना संभव हो योग करे. इससे तन और मन दोनों सही रहेगा. सुबह में योग और मेडिटेशन दोनों करें. जितना चल सकते हैं चलें. रोज वॉक करें, रनिंग करें. साइकिल चलाइए. रेजिस्टेंस ट्रेनिंग ज्यादा फायदेमंद है. यानी ऐसी एक्सरसाइज जिसमें आपके शरीर पर प्रेशर पड़े. जैसे किसी भारी चीज को अपनी ओर ताकत से खींचना, भारी चीजों को उपर उठाना, भारत्तोलन आदि. कुछ भी एक्सरसाइज करें, बैलेंस में करें, सुबह जरूर व्यायाम करें. खाने के बाद 10 मिनट जरूर वॉक करें.
M-Mind-मन पर काबू जरूर
हमारा मन चंचल होता है. इस पर काबू जरूरी है. अगर आपने मन को बांध लिया, चित्त को रोककर खुश रहना सीख लिया तो समझिए कोई भी बीमारी आपको छू नहीं पाएगा. सचेतन अवस्था में मन की सहजता, सरलता और तरलता ही माइंड को बेहतर बना सकता है. इसलिए जो भी नकारात्मक विचार दिमाग में आए उसपर रोक लगाएं. वर्तमान में जीना सीखें. दिमाग में ज्यादा चीजें नहीं आने दें. परिवार और समाज के साथ ज्यादा गप्पे लगाएं. दोस्तों के साथ मस्ती करें. नकारात्मक इंसान से दूर रहें. हर पल सकारात्मक रहें. हर इंसान के जीवन में परेशानी है, इसे हंसते-हंसते पार करें. मन को शांत रखने के लिए योग और मेडिटेशन बहुत फायदेमंद है.
S-Sleep-सुकून की नींद सोएं
कैंसर से दूर रहने के लिए सुकून भरी नींद बहुत जरूरी है. रात में बच्चे की तरह सुकून से सोएं. इस तरह का उपाय कीजिए कि बार-बार नींद खुले न. रात में एक बार से ज्यादा नींद न खुले. सोने से पहले बिस्तर को सही से साफ कर लें. किसी भी तरह का स्क्रीन टाइम सोने से दो घंटा पहले बंद कर दीजिए. वाई फाई बंद करें. सारे सिग्नल ऑफ कर दें. खिड़की से पर्दे हटा दें ताकि सुबह की पहली किरण आपके कमरे में पड़े. सुकून से सोएंगे तो अधिकांश बीमारियां आपके शरीर को छू भी नहीं पाएंगी.
March 02, 2025, 12:30 IST
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-cancer-surgeon-dr-anshuman-kumar-explaining-great-tips-to-prevent-cancer-boost-body-defensive-mechanism-9070163.html