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Holika Dahan 2025: 13 मार्च को इतने बजे होगा होलिका दहन, पंडित जी ने बताया शुभ मुहूर्त, 7 मार्च से होलाष्टक शुरू


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Holika Dahan 2025: साल 2025 में होलाष्टक कब से शुरू हो रहे हैं, इस दौरान क्या क्या काम नहीं किए जाते हैं, और इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त कब है. इन सभी बातों को लेकर पंडित पवन कुमार ने क्या बताया है, चलिए ज…और पढ़ें

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7 मार्च से शुरू हो रहे हैं होलाष्टक

हाइलाइट्स

  • 7 मार्च से होलाष्टक शुरू होंगे
  • 13 मार्च को रात 11:28 से होलिका दहन होगा
  • होलाष्टक के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते

अजमेर:- हिंदू धर्म में होलाष्टक को शुभ नहीं माना गया है. इस दौरान कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. पंचांग के अनुसार, होलाष्टक की शुरुआत होली के आठ दिनों पहले होती है और इनका समापन होलिका दहन के साथ ही होता है. हिंदू कैलैंडर के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शरू हो जाता है . ये आठ दिनों के होते हैं. ऐसे में होलाष्टक 2025 में कब शुरू हैं और कब समाप्त होंगे व होलिका दहन कब है शुभ मुहूर्त व क्या- क्या काम होलाष्टक के समय नहीं करने चाहिए, इस बारे में पंडित पवन कुमार ने क्या बताया चलिए जानते हैं.

13 मार्च को होंगे होलाष्टक समाप्त
आपको बता दें इस बार होलाष्टक सात मार्च से शुरू हो रहा है. इस दौरान विवाह सहित बाकी मांगलिक कार्य नहीं होंगे. होलाष्टक 13 मार्च को समाप्त होंगे और इस दिन होलिका दहन भी होगा. क्योंकि, इस बार मार्च से लेकर अप्रैल तक शुभ तिथि नहीं मिलेगी, तो ऐसे में मांगलिक कार्य पर रोक रहेगी.

नकारात्मक ऊर्जा का पड़ता है प्रभाव
इस बारे में पंडित पवन कुमार ने Bharat.one को बताया, कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलाष्टक शुरू होता है. यह फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन तक रहता है. इस दौरान शादी, मुंडन, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते. इस समय में सभी ग्रह उग्र अवस्था में होते हैं , और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है. इसलिए शुभ कार्यों पर रोक रहती है.

होलिका दहन का कब है शुभ मुहूर्त
पंडित पवन कुमार ने बताया, कि पूर्णिमा पर 13 मार्च को रात 11.28 से रात 12.32 बजे तक होलिका दहन होगा. क्योंकि इस दौरान भद्रा समाप्त हो जाएगी. फाल्गुनी पूर्णिमा 13 मार्च सुबह 10.36 से 14 मार्च दोपहर 12.24 तक रहेगी. इसके साथ ही भद्रा भी रात 11.28 तक रहेगी. भद्रा के मुख का समय रात 8.14 से रात 10.22 बजे व भद्रा की पूंछ का समय शाम 6.57 से रात 8.14 बजे तक होगा. इसके चलते दहन-पूजन के लिए 1 घंटा 4 मिनट ही मिलेंगे. 13 मार्च सुबह 10.36 बजे के बाद फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा का आरंभ होगा और वह 14 मार्च को आधे दिन तक रहेगी. वे बताते हैं, कि होली का पर्व उच्च के शुक्र, सिंह के चंद्रमा व मीन संक्रांति 14 मार्च के पूर्व मनाया जाएगा.

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ये है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त, रात में इतने घंटे का मिलेगा समय, जानें डिटेल

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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