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Ramadan Rules : रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखने के सख्त नियम होते हैं. रोजा टूटने पर मुआवजा देना पड़ता है, जैसे 60 दिनों तक रोजा रखना या 60 गरीबों को खाना खिलाना.

भूल से कुछ खा लेने पर रोजा नहीं टूटता.
हाइलाइट्स
- रोजा सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना खाए-पिए रखा जाता है.
- भूल से कुछ खा लेने पर रोजा नहीं टूटता.
- रोजा टूटने पर 60 दिनों तक रोजा रखना या 60 गरीबों को खाना खिलाना होता है.
Ramadan Rules : रमजान का पवित्र महीना चल रहा है. आप लोग रमजान के महीने में यदि पूरे रोजे रखते हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जिससे आपकी रोजे पूरे हो सके. इस्लामिक कैलेंडर में रमजान का महीना नो का महीना होता है. इस महीने में लोग रोजा रखते हैं सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच में कुछ भी खाते पीते नहीं है. रोजा सिर्फ भूखा रहने के लिये नहीं बल्कि सच्चे मन से एवं पूर्ण श्रद्धा से इबादत के लिये होते हैं. रोजा रखने के नियम काफी सख्त होते हैं जिन्हें न करने पर रोजा टूट जाता है. आईए जानते हैं यदि आपका रोजा टूट गया है तो क्या करना होगा.
इन नियमों का पालन न करने से रोजा टूट जाता है :
- यदि कोई व्यक्ति रोज के दिन कुछ भी खा पी लेता है तो उसका रोजा टूट जाता है लेकिन यदि कोई भूल से कुछ खा पी ले तो इसे रोजा टूटा हुआ नहीं माना जाता है.
- यदि किसी व्यक्ति की तबीयत खराब है और उसे उल्टी हो जाए तो उसका रोजा टूटा हुआ नहीं माना जाता है.
- यदि कोई रोजगार व्यक्ति रोजा के दौरान शारीरिक संबंध बना लेता है तो उसका रोजा टूट जाता है. इसके लिए उसे रोजा में मुआवजा देना पड़ता है.
- शरीर को ताकत देने वाले या इम्युनिटी बढ़ाने वाले इंजेक्शन आदि लगवाने से भी रोजा टूट जाता है. किसी बीमारी में इलाज के लिए इंजेक्शन लगाया गया है तो रोज टूटा हुआ नहीं माना जाता है.
- रोजा के दौरान यदि महिलाओं की पीरियड्स शुरू हो जाते हैं तो उनका रोजा टूट जाता है ऐसे में जो महिलाएं अपने रोजा बाद में पूरे कर सकती है.
- बीडी,सिगरेट, गुटका, पान मसाला आदि खाने पीने से भी रोजा टूट जाता है.
- रोजा के दौरान यदि कोई व्यक्ति अगरबत्ती, लोबान आदि का धुंआ सूंघता है तो उसका रोजा टूट जाता है.
- वजू के दौरान कुल्ला आदि करते समय यदि पानी अंदर चला जाए तो रोज टूटा हुआ माना जाता है.
- नाक,कान अथवा गले में किसी भी प्रकार के ड्रॉप या दवा डालते हैं तो भी आपका रोजा टूट सकता है.
- रोजा के दौरान चुइंगम चबाना एवं ब्रश करना भी वर्जित होता है.इससे पानी अंदर जाने की संभावना रहती है. जिससे रोजा टूट सकता है. ब्रश करने के लिए आप सेहरी से पहले या अफ्तारी के बाद का समय प्रयोग में लें.
रोजा टूटने पर क्या करें : यदि किसी व्यक्ति का रोजा जानबूझकर टूट गया या उसने बिना किसी कारण की रोज छोड़ दिया है तो उसे इसका मुआवजा देना पड़ता है. इस्लाम में मुआवजे की तीन तरीके बताए गए हैं. सबसे पहला तरीका है कि आप एक गुलाम को आजाद करें या फिर 60 दिनों तक लगातार रोजा रखें. इसके अलावा 60 गरीबों को खाना खिलाया जाये. इस सबके अलावा में अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार जरूरतमंदों में भोजन अथवा जरूरत की चीज दान करें.
March 07, 2025, 13:57 IST
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