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Surya Grahan 2025 : साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को होगा, जो भारत में नहीं दिखेगा. ग्रहण काल में धार्मिक नियमों का पालन करें और विशेष मंत्रों का जाप करें. ग्रहण दोपहर 2:21 से शाम 6:14 तक चलेगा.

हाइलाइट्स
- साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को होगा.
- ग्रहण काल दोपहर 2:21 से शाम 6:14 तक चलेगा.
- ग्रहण काल में धार्मिक नियमों का पालन करें.
Surya Grahan 2025 : साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को पड़ने वाला है. यह ग्रहण चैत्र मास अमावस्या के दिन होगा और भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:21 से शाम को 6:14 तक चलेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. लेकिन सूर्य पूरे संसार में सिर्फ एक ही है.इसलिए यह ग्रहण भारत में दिखाई दे अथवा ना दे लेकिन ग्रहण कल के दौरान इससे सभी राशियां प्रभावित होगी. इसलिये ग्रहण काल के दौरान आप सभी नियमों का पालन अवश्य करें.
ग्रहण काल में यह कार्य पूर्ण रूप से वर्जित : किसी भी ग्रहण के सूतक के समय भगवान की मूर्ति का स्पर्श करना निषिद्ध माना गया है. व्यक्ति को, खाना-पीना, सोना, नाख़ून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना, बाल काटना अथवा कटवाना, निद्रा, मैथुन आदि कार्य बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए. ग्रहण काल में भोजन अशुद्ध हो जाता है. इस कारण ग्रहण के समय भोजन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आप अनेक प्रकार के रोगों से ग्रसित हो सकते है. ग्रहण या सूतक से पहले ही यदि सभी खाने वाले पदार्थ यथा दूध ,दही ,चटनी ,आचार आदि में कुश रख देते है. तो यह भोजन दूषित नहीं होता है और आप पुनः इसको उपयोग में ला सकते है. अगर कुशा नहीं है तो तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं .
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ग्रहण काल में करें उपाय : ग्रहण काल में किसी भी जाप आदि का दस गुना अधिक फल प्राप्त होता है. इसलिये ग्रहण के दौरान धनलाभ ,राहु केतु पीड़ा से मुक्ति के लिये कुछ उपाय बताये गये हैं.
धन प्रप्ति के लिये ग्रहण काल में करें इस मंत्र का जाप : इस मंत्र का जाप मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है. इसलिए ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप अवश्य करें. इस मंत्र के पुण्य फल से धन की प्राप्ति होती है.
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
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राहु – केतु की शांति के लिये करें इस मंत्र का जाप : इस मंत्र का जाप राहु और केतु के आह्वान और उनसे शांति प्रदान करने की कामना के लिए किया जाता है. शास्त्रों में बताया गया है कि राहु-केतु की बुरी दृष्टि पड़ने पर व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है. इनके प्रभाव को कम करने के लिए ग्रहण के दौरान मंत्रोच्चारण जरूर करें.
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन.
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
March 08, 2025, 10:08 IST
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