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इस गांव में सांपों का दिखना माना जाता है शुभ, ग्रामीण करते हैं पूजा, जानें किस प्रकार की जुड़ी है मान्यताएं


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God of Snakes Tejaji Maharaj: सीकर में लोक देवता तेजाजी महाराज को सांपों का देवता कहा जाता है. जयपुर से खाटूश्याम जी मुख्य रोड स्थित तेजाजी महाराज के सैकड़ों वर्ष पुराने मंदिर का पुनर्निर्माण ग्रामीणों ने ही करव…और पढ़ें

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तेजाजी

तेजाजी मंदिर 

हाइलाइट्स

  • सीकर में तेजाजी महाराज को सांपों का देवता माना जाता है.
  • गांव में सांप दिखना शुभ माना जाता है और उसकी पूजा की जाती है.
  • तेजाजी महाराज के मंदिर में सर्पदंश का इलाज होता है.

सीकर. लोक देवता तेजाजी महाराज को सांपों का देवता कहा जाता है. भक्तों की मान्यता है कि तेजाजी महाराज की पूजा करने से बुरी बलाएं नहीं लगती. सीकर जिले में भी तेजाजी का एक ऐसा मंदिर है, जहां पर सर्प दंश का ईलाज होता है. तेजाजी का यह मंदिर जिला मुख्यालय से 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है. लोगों की मान्यताओं के अनुसार यहां तेजाजी महाराज सांप का रूप लेकर भक्तों को दर्शन देते हैं.

जयपुर से खाटूश्याम जी मुख्य रोड स्थित तेजाजी महाराज के मंदिर का पुनर्निर्माण ग्रामीणों ने ही करवाया है. यहां हर साल तेजा दशमी पर तेजाजी महाराज का मेला लगता है, जिसमें घोड़ले (तेजाजी महाराज के उपासक) गाजे-बाजे के साथ गांव के मुख्य मार्गो से बिंदोरी निकालते हुए थान (तेजाजी महाराज का मुख्य मंदिर) पर पहुंचते हैं और लोगों की समस्या सुन उसका इलाज बताते हैं.

गांव में सांप का दिखना माना जाता है शुभ

तेजाजी महाराज मंदिर के मुख्य पुजारी महेंद्र कुमार प्रजापत ने बताया कि तेजाजी महाराज पचार गांव के आराध्य देव है. यहां पर सांप के दर्शन होना शुभ माना जाता है. भक्तों की मान्यता के अनुसार तेजा दशमी के दिन अगर किसी को सांप के दर्शन होता है, तो वह बहुत खुश नसीब होता है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इस गांव में लोगों को सर्प देखने पर उसे मारा या पकड़ा नहीं जाता है बल्कि तेजाजी महाराज के घोड़ले को बुलाकर उसे थान पर छोड़ दिया जाता है. वह सांप थान के परिक्षेत्र में ही रहता है. वह किसी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुंचाता है बल्कि ग्रामीण उस सांप को दूध पिलाते हैं.

तेजाजी के थान पर सर्प दंश का होता है इलाज

लोगों के अनुसार तेजाजी महाराज के इस मंदिर में सर्पदंश का इलाज होता है. यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में जब भी किसी के घर सर्प आता है, तो तेजाजी महाराज के मुख्य पुजारी (घोड़ले) को बोलते हैं. मुख्य पुजारी पहले मंदिर में जाकर तेजाजी महाराज की पूजा-अर्चना करता है और फिर उस सर्प को लेने जाता है. लोगों की मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने के बाद सर्प किसी भी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाता है बल्कि आसानी से घोड़ाले के पास चला आता है. घोड़ले उस सर्प को मंदिर परिसर में छोड़ देते हैं. जब भी गांव के किसी व्यक्ति को सांप डंसता है, तो उसे तेजाजी महाराज के मुख्य स्थान पर लाया जाता है, जहां तेजाजी महाराज के मुख्य मंदिर के पुजारी वह इसका इलाज करते हैं.

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इस गांव के अराध्य हैं सांपों के देवता, दर्शन को मानते हैं बेहद शुभ

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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