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Chaitra Navratri Pooja Vidhi: चैत्र नवरात्रि के दौरान कुछ विशेष वस्तुओं की खरीद से माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज बताते हैं कि मिट्टी के कलश, सोलह श्रृंगार का साम…और पढ़ें

चैत्र नवरात्रि से पहले घर ले आए यह चीजे
हाइलाइट्स
- चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाई जाएगी.
- मिट्टी का कलश समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है.
- सोलह श्रृंगार का सामान सौभाग्य और खुशहाली लाता है.
चैत्र नवरात्रि नज़दीक है और देवी दुर्गा के आगमन की तैयारियों ने भक्तों के मन में श्रद्धा की अलख जगा दी है. हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शुरू होकर राम नवमी तक चलने वाला यह पर्व भक्तों के लिए देवी के चरणों में समर्पण का प्रतीक बन जाता है. इस बार नवरात्रि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाई जाएगी. उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आनंद भारद्वाज बताते हैं कि अगर इन दिनों में कुछ विशेष वस्तुएं खरीदी जाएं, तो न सिर्फ माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है बल्कि घर में सुख-शांति और धन-संपदा का भी आगमन होता है.
1. मिट्टी के बर्तन – समृद्धि का पहला कदम
नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है, और इसके लिए मिट्टी का कलश सबसे शुभ माना गया है. यह न केवल पूजा की पवित्रता को दर्शाता है, बल्कि इसे धरती से जुड़े सौभाग्य का प्रतीक भी माना जाता है. मिट्टी के बर्तन सकारात्मक ऊर्जा को घर में बनाए रखते हैं.
2. सोलह श्रृंगार का सामान – सौभाग्य की चाबी
मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के दौरान सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है. चूड़ियां, बिंदी, काजल, सिंदूर जैसी वस्तुएं खरीदकर देवी को अर्पित करने से स्त्री जाति के जीवन में सौभाग्य और खुशहाली आती है.
3. नई फसल (जौ) – देवी का प्रसाद
नवरात्रि में जौ बोना परंपरा का हिस्सा है. इसे सृष्टि की पहली फसल कहा जाता है. यह देवी के आशीर्वाद का प्रतीक है और माना जाता है कि इन अंकुरों के माध्यम से माँ खुद घर में निवास करती हैं.
4. चांदी का सिक्का – लक्ष्मी का आह्वान
चैत्र नवरात्रि में चांदी का सिक्का खरीदना बेहद शुभ माना गया है. इसे घर के पूजाघर में रखने से धन की स्थिरता आती है और जीवन में आर्थिक परेशानियों का निवारण होता है. यह देवी लक्ष्मी और दुर्गा दोनों की कृपा का मार्ग बनता है.
5. पीले अक्षत – शुभता का प्रतीक
सनातन परंपरा में पीले चावल को विशेष महत्व प्राप्त है. देवी-देवताओं को आमंत्रित करने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है. नवरात्रि में इनका उपयोग पूजा में करने से घर में शांति, संतुलन और समृद्धि का वातावरण बनता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.