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Chaiti Chhath Vrat: 2 अप्रैल को चैती छठ व्रत करने वाले महिला या पुरुष खरना करेंगे. 3 अप्रैल को संध्याकालीन अर्घ्यदान का विधान है, और 4 अप्रैल को प्रातःकालीन अर्घ्यदान किया जाएगा, वहीं उसी दिन पारण भी होगा. यह छ…और पढ़ें

Darbhanga
हाइलाइट्स
- 2 अप्रैल को चैती छठ व्रत प्रारंभ होगा.
- 3 अप्रैल को संध्याकालीन अर्घ्यदान 6:00 बजे होगा.
- 4 अप्रैल को प्रातःकालीन अर्घ्यदान 5:50 बजे होगा.
अभिनव कुमार/दरभंगा. चैत्र मास में जो छठ व्रत किया जाता है, उस व्रत को करने का इस साल जो नियम है, उसके अनुसार 2 अप्रैल से यह चैती व्रत प्रारंभ होगा. इस पर्व को मिथिलांचल में खासकर वृहत्त पैमाने पर लोग करते हैं. खासकर उन लोगों के ओर से इस छठ व्रत को किया जाता है, जिनकी किसी प्रकार की कोई मनोकामना पूरी हुई हो. वे लोग खास तौर पर इस व्रत को करते हैं.
इसके अर्घ दान का जो शुभ मुहूर्त होगा, उसमें संध्याकालीन अर्घ्यदान कष्टी तिथि में किया जाता है, जो कि 3 अप्रैल को होगा. जिसका शुभ मुहूर्त 6:00 बजे है. इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा बताते हैं कि इस बार चैती छठ व्रत करने का जो नियम है, उस नियम के अनुसार..
पारण से लेकर अर्घ दान का यह है शुभ मुहूर्त
2 अप्रैल को चैती छठ व्रत करने वाले महिला या पुरुष खरना करेंगे. 3 अप्रैल को संध्याकालीन अर्घ्यदान का विधान है, और 4 अप्रैल को प्रातःकालीन अर्घ्यदान किया जाएगा और उसी दिन पारण भी किया जाएगा. यह छठ व्रत सूर्य उपासना का व्रत है, जिसमें खासकर सूर्य की उपासना की जाती है. संध्याकालीन अर्घ्यदान का मुहूर्त 3 अप्रैल को सूर्यास्त होने के समय, जो कि 6:10 बजे है, भारतीय समय अनुसार ठीक 6:00 बजे होगा. वहीं, प्रातःकालीन अर्घ्यदान 5:50 बजे के बाद अरुणोदय काल में दिया जाएगा. इसके बाद छठ व्रत करने वाले महिला और पुरुष पारण भी करेंगे. इस छठ व्रत का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इसे करने से कई प्रकार के रोग और ताप से मुक्ति मिल जाती है.