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मथुरा का श्रीकृष्ण कुब्जा मंदिर न केवल भक्तों के आध्यात्मिक विकास का केंद्र है, बल्कि यह अपने अनोखे इतिहास और त्वचा रोगों को ठीक करने की मान्यताओं के कारण भी प्रसिद्ध है.

मथुरा का 500 साल पुराना मंदिर.
हाइलाइट्स
- श्रीकृष्ण कुब्जा मंदिर त्वचा रोगों के इलाज के लिए प्रसिद्ध है.
- मंदिर में सच्चे मन से दर्शन करने से त्वचा रोग दूर होते हैं.
- मंदिर का जल त्वचा रोगों से राहत देने में सहायक माना जाता है.
भारत अपनी धार्मिक आस्थाओं और चमत्कारी मंदिरों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां हर धर्म के लोग अपनी श्रद्धा से मंदिरों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं. लेकिन कुछ मंदिर सिर्फ पूजा-अर्चना के लिए ही नहीं, बल्कि अपने चमत्कारी प्रभाव के लिए भी जाने जाते हैं. ऐसा ही एक मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित है, जिसे श्रीकृष्ण कुब्जा मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह 500 साल पुराना मंदिर न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह माना जाता है कि यहां आने वाले हर व्यक्ति की त्वचा से जुड़ी बीमारियां दूर हो जाती हैं.
TOI में छपी रिपोर्ट के अनुसार, श्रीकृष्ण कुब्जा मंदिर का नाम एक विशेष पात्र “कुब्जा” के नाम पर रखा गया है. कुब्जा श्रीकृष्ण के समय की एक महिला थीं, जो अपने जीवन में बहुत पीड़ा और तकलीफ झेल रही थीं. वह शारीरिक रूप से विकृत थीं और उनका शरीर टेढ़ा था. जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा आए, तो उन्होंने कुब्जा की भक्ति और प्रेम को देखकर उन पर कृपा की और उनके शरीर को सीधा कर दिया. तभी से कुब्जा का नाम श्रीकृष्ण के भक्तों में लिया जाने लगा और इस मंदिर में श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ देवी राधा की बजाय कुब्जा को स्थापित किया गया.
क्या है इस मंदिर की विशेषता?
मथुरा के परिक्रमा मार्ग पर स्थित यह मंदिर लोगों की श्रद्धा का केंद्र है. माना जाता है कि कोई भी व्यक्ति जो त्वचा संबंधी किसी भी बीमारी से परेशान है, अगर इस मंदिर में सच्चे मन से दर्शन करता है, तो उसकी बीमारी दूर हो जाती है. यहां आने वाले भक्त इस विश्वास से मंदिर में आते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से उनकी त्वचा की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी.
कई श्रद्धालुओं ने अनुभव किए चमत्कार!
इस मंदिर से जुड़े कई चमत्कारी किस्से सुनने को मिलते हैं. कई श्रद्धालु बताते हैं कि वे सोरायसिस, एक्जिमा, एलर्जी और अन्य त्वचा रोगों से पीड़ित थे, लेकिन जब उन्होंने इस मंदिर में आकर भगवान कृष्ण की पूजा की और यहां मौजूद जल से स्नान किया, तो उनकी त्वचा की समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त हो गईं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां आने वाले कई श्रद्धालु कुब्जा माता और श्रीकृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट कर विशेष प्रार्थना करते हैं. इसके बाद, वे मंदिर में मौजूद जल का उपयोग स्नान के लिए करते हैं या अपने शरीर पर लगाते हैं, जिससे उन्हें त्वचा रोगों से राहत मिलती है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी जानें
हालांकि, इस मंदिर से जुड़े चमत्कारी दावों की कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन आयुर्वेद और भारतीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार, मंदिरों के वातावरण में मौजूद औषधीय गुणों वाली जड़ी-बूटियां और प्राकृतिक तत्व स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. इस मंदिर के जल में कुछ औषधीय गुण हो सकते हैं, जो त्वचा को ठीक करने में सहायक होते हैं.
मंदिर में आने का सही समय
अगर आप भी इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो मथुरा की परिक्रमा के दौरान इस स्थान पर जरूर जाएं. सुबह और शाम के समय यहां विशेष आरती होती है, जिसमें शामिल होने से मानसिक और शारीरिक दोनों रूपों में शांति का अनुभव किया जा सकता है.