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Pradosh Vrat 2025: मनचाहे वर की है कामना, तो कुंवारी कन्याएं कर सकती हैं प्रदोष व्रत, जानें विधि और उपाय


Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है. शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जो जातक प्रदोष का व्रत करता है उसके कुंडली व जीवन के समस्त दोषों का नाश हो जाता है और शिव जी की कृपा उसपर सदैव बनी रहती है. हालांकि कई लोग प्रदोष व्रत अपनी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिये भी करते हैं. ऐसे में कई लोगों का सवाल होता है कि क्या कुंवारी कन्याएं योग्य वर पाने के लिए प्रदोष का व्रत कर सकती हैं और क्या है विधि और उपाय. तो आइए जानते हैं पंडित रमाकांत मिश्रा से की क्या कुंवारी कन्याएं प्रदोष व्रत कर सकती हैं और क्या हैं प्रदोष व्रत विधि और उपाय.

बता दें कि हर महीने कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है. इस तिथि के दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है. इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं.

कब पड़ रहा प्रदोष व्रत
इस महीने त्रयोदशी तिथि 27 मार्च को देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगी और 27 मार्च रात 11 बजकर 03 मिनट पर इसका समापन होगा. त्रयोदशी तिथि का समापन 27 मार्च को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा. वहीं इस बार प्रदोष व्रत के दिन गुरुवार पड़ रहा है इसलिए इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाएगा.

शिवपुराण के अनुसार, अगर प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाए तो इसका दोगुना फल प्राप्त होता है और यह बेहद शुभ भी माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त शाम 06 बजकर 50 मिनट से रात 09 बजकर 11 मिनट तक रहेगा.

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क्या कुंवारी कन्याएं कर सकती हैं प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना के लिए भी किया जाता है. ऐसे में अगर कोई कुंवारी कन्या सुयोग्य वर की कामना से प्रदोष व्रत रखना चाहती है तो वे भी इस व्रत को रख सकती हैं. मान्यता है कि इस दिन व्रत और विधि-विधान से शिव जी का पूजन करने से कन्याओं को उनका मनचाहा वर प्राप्त होता है.

इस तरह करें प्रदोष पूजा
कुंवारी कन्याएं योग्य वर पाना चाहती हैं तो प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर स साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें और फिर इसके बाद शिवलिंग का विधिवत पूजन करें. शिवलिंग पर फूल, बेलपत्र, गंगाजल, भांग, धतूरा, दूध, चंदन, इत्र आदि समर्पित करें. इसके बाद भोलेनाथ को सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं और धूम दीप करने के बाद उनकी आरती करें.

इसके बाद प्रदोष काल में पुनः शिव जी की विधिवत पूजा-अर्चना करें और कथा न शिव चालीसा का पाठ करें. साथ ही भोलेनाथ के आगे घी का दीपक जलाकर शिव जी के मंत्रों का जाप करें. अंत में शिव जी की आरती करें और हाथ जोड़कर शिव जी से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें.

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विवाह में आ रही बाधा के लिए विशेष उपाय
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के विवाह में कोई बाधा आ रही है तो प्रदोष के दिन 108 बेलपत्र लेकर उसपर चंदन से श्रीराम लिखें और फिर इन बेलपत्र को महादेव को अर्पित कर दें.
माना जाता है कि इस उपाय को करने से जातक के विवाह में आ रही सभी अड़चने या रुकावटें दूर होने लगती हैं और जल्द विवाह योग बनने लगते हैं.

वैवाहिक जीवन में परेशानियों के लिए
अगर किसी कपल के वैवाहिक जीवन में कुछ परेशानी आ रही है या फिर संबंधों में मधुरता नहीं है तो ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन दोनों पति-पत्नी विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और शिव चालीसा का पाठ करें. ऐसा करने पर जातक को समस्त प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है और वैवाहिक जीवन भी सुखमय बन जाता है.

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