Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि के नौ दिन में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. देवी दुर्गा के इन स्वरूपों का महत्व व ऊर्जाएं भी उनके स्वरूप के अनुरूप होती हैं. चैत्र नवरात्रि के दिनों में लोग माता रानी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ, उपवास व तरह-तरह के उपाय भी करते हैं. जिनमें मंत्रों का जाप भी शामिल हैं. लेकिन आपको बता दें कि नवरात्रि में कुछ मंत्रों का जाप करने से आपकी कुंडली में मौजूद अगर किसी ग्रह की स्थिति ठीक नहीं है और आप उन ग्रहों को शांत कर सकते हैं.
दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां दुर्गा के कुछ स्वरूप का संबंध ग्रहों से भी होता है. ऐसे में अगर नवरात्रि में हम माता के स्वरूप की उसके ग्रह के अनुसार पूजा करें व मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कुछ चमत्कारी मंत्रों का जाप करें तो ग्रहों का शांत किया जा सकता है. ऐसे में आइए पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार, ग्रहों की शांति के लिए मां के किन स्वरूपों के मंत्रों का जाप करना आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है.
शैलपुत्री
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है. शैल का अर्थ पर्वत है यानि पर्वत की पुत्री है मां शैलपुत्री. नवरात्र का पहला दिन चन्द्र ग्रह को समर्पित होता है. इस दिन चंद्र ग्रह को शांत करने के लिए पूजा अर्चना की जाती है. कुंडली में यदि चंद्र ठीक न हों तो इस दिन कुछ मंत्रों से उनका पूजाकरना चाहिए.
मंत्र जाप:
– बीज मंत्र: ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
– चंद्र शांति मंत्र: ॐ सोमाय नम:
मां ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित होता है. मां ब्रह्मचारिणी तप, संयम और जान को देने वाली हैं. नवरात्र का दूसरा दिन मंगल ग्रह से संबंध रखता है. इस दिन की पूजा करने से मंगल ग्रह से जुड़े दोष कम होते हैं.
मंत्र जाप:
ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
मंगल शांति मंत्र: ॐ अंगारकाय नमः
मां चंद्रघंटा
नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप को समर्पित होता है. मां का यह स्वरूप शांति और साहस का प्रतीक माना जाता है. मां चंद्रघंटा की पूजा करने से सभी ग्रहों की स्थिति बेहतर होती है और उनसे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.
मंत्र जाप:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चंद्रघंटायै नमः
मां कूष्मांडा
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित होता है. इस दिन उपवास रखने से ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं. मां कूष्मांडा की पूजा करने से जन्म से कुंडली में मौजूद सभी दोष समाप्त हो जाते हैं.
मंत्र जाप:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः
मां स्कंदमाता
नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को समर्पित होता है.इस स्वरूप हो मां पुत्र कार्तिकेय के साथ नजर आती हैं. मां का यह स्वरूप सौम्य होता है और मातृभाव को दर्शाता है. मां स्कंदमाता की पूजा करने से शक्ति, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मंत्र जाप:
ॐ सर्वग्रहाणां शान्तये नमः
मां कात्यायनी
नवरात्रि का छठा दिन मां दुर्गा के कात्यायनी रूप को समर्पित है. मां ने इस स्वरूप में महिषासुर का वध किया था. मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को चतुर्थ पुरुषार्थ यानी धर्म, अर्थ , कम और मोक्ष सभी प्राप्त हो जाते हैं.
मंत्र जाप:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं दुर्गायै नमः
मां कालरात्रि
नवरात्रि का सातवां दिन कालरात्रि स्वरूप को समर्पित होता है. मां का यह भयंकर रूप दुष्टों के विनाश के लिए होता है. इस स्वरूप को उपासना से नकारात्मकता खत्म हो जाती है. मां के इस स्वरूप की पूजा करने से शनि ग्रह से जुड़े दोष खत्म हो जाते हैं.
मंत्र जाप
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः
ॐ शं शनैश्चराय नमः
मां महागौरी
नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है.मां का यह स्वरूप सौंदर्य, शांति और करुणा का प्रतीक है. महागौरी की पूजा करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख आता है.
मंत्र जाप:
ॐ देवी महागौर्यै नमः
ॐ राहवे नमः
मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि का आखिरी दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप को समर्पित होता है. सिद्धिदात्री की आराधना करने से हर प्रकार की सिद्धियां सुलभ हो जाती है. मां के इस स्वरूप की पूजा करने से केतु ग्रह से जुड़े दोष खत्म हो जाते हैं.
मंत्र जाप:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्यै नमः
ॐ केतवे नमः