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Gangour Festival: दशकों पुरानी परंपरा, शादीशुदा महिलाओं के लिए गणगौर का है विशेष महत्व, फेमस है कालवाड़ की सवारी 


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Gangour Festival: जयपुर के कालवाड़ गांव में गणगौर की शाही सवारी प्राचीन काल से निकाली जा रही है. यह सवारी 16 दिन की पूजा के बाद होती है और इसमें सजे-धजे हाथी, घोड़े और लोक कलाकार शामिल होते हैं.

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प्राचीन

प्राचीन किले से निकलती गणगौर सवारी 

हाइलाइट्स

  • कालवाड़ गांव में गणगौर की शाही सवारी प्राचीन काल से निकाली जाती है
  • सवारी में सजे-धजे हाथी, घोड़े और लोक कलाकार शामिल होते हैं
  • कालवाड़ में गणगौर का दो दिवसीय मेला भी बहुत प्रसिद्ध है

 जयपुर. जयपुर जिले मैं स्थित कालवाड़ गांव में गणगौर की सवारी प्राचीन काल से निकाली जा रही है और यहां गणगौर राजस्थान का एक प्रमुख त्यौहार है. जिसमें महिलाएं देवी गणगौर की पूजा करती हैं और उनकी सवारी निकाली जाती है. कालवाड़ में गणगौर की शाही सवारी विशेष रूप से प्रसिद्ध है. यह सवारी पारंपरिक रूप से शहर के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरती है और इसमें सजे-धजे हाथी, घोड़े, और लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां शामिल होती हैं. यह आयोजन स्थानीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन करता है.

16 दिन तक चलता है गणगौर पूजन
गणगौर की सवारी 16 दिन की गणगौर समाप्त होने के बाद निकाली जाती है. यह सवारी प्राचीन काल से राजा महाराजाओं के द्वारा प्रचलित है. आज भी यह गणगौर की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है. और इसमें अनेक कलाकार अपनी कलाकारी का प्रदर्शन करते हैं जिससे गणगौर की सवारी की प्रसिद्ध हो रही है. इस दिन महिलाएं गणगौर की पूजा करती है और बड़े धूमधाम से गणगौर का त्यौहार मनाती है.

सुहागन महिलाओं के लिए एक प्रतीक
गणगौर हमारे राजस्थान का संस्कृति और परंपरागत त्यौहार है. यह त्यौहार नवविवाहित दुल्हन और सुहागन महिलाओं के लिए एक प्रतीक माना गया है. जिसको महिलाएं अपने अमर सुहाग के लिए पूजती है, माना जाता है कि गणगौर और ईश्वर की पूजा करने से महिलाओं का जीवन में उन्नति प्राप्त होती हैं. इसलिए गणगौर की पूजा राजस्थान में बहुत प्रसिद्ध हैं. यह अपने कई देशों में अलग-अलग प्रकार से मनाई जाती हैं.

दशकों से प्रचलित हैं कालवाड़ की सवारी 
इसी प्रकार जयपुर जिले में स्थित कालवाड़ गांव में भी गणगौर की शाही सवारी बड़ी धूमधाम से निकाल जाती है. गणगौर सवारी में अनेक प्रकार के कलाकार एवं नृत्य करने वाली महिलाएं और प्रतिभाशाली व्यक्ति अपनी अपनी प्रतियोगिता प्रसिद्ध करते हैं और इस प्रकार हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गणगौर की शाही सवारी जयपुर जिले में स्थित कालवाड़ गांव से बड़े धूमधाम से निकल जाएगी अतः सवारी का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से लोग गणगौर की शाही सवारी देखने के लिए आते हैं.

कालवाड़ गांव में बहुत प्रसिद्ध गणगौर का मेला 
जयपुर जिले में स्थित कालवाड़ गांव में गणगौर का मेला भी बहुत प्रसिद्ध है. पिछले कई वर्षों से शाही सवारी का आयोजन किया जा रहा है. साथी दो दिवसीय गणगौर मेले का आयोजन भी किया जाता है जिसमें लाखों की संख्या में लोग मेला देखने के लिए आते हैं साथ ही रंगारंग कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. कालबेलिया डांस यहां का प्रसिद्ध डांस हैं.

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सुहागिनों के लिए बहुत खास है गणगौर की पूजा, पूजा खत्म होने पर अद्भुत सवारी


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/culture-the-tradition-of-the-royal-procession-of-gangaur-which-has-been-coming-out-of-the-ancient-fort-for-decades-is-still-prevalent-a-two-day-fair-is-held-local18-9142110.html

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