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51 Shakti Peeth Story: कांगड़ा के बृजेश्वरी माता मंदिर में चैत्र नवरात्रों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जहां माता सती का दाहिना वक्ष गिरा था. प्रशासन ने कड़ी व्यव…और पढ़ें

कांगड़ा माता मंदिर
हाइलाइट्स
- ब्रजेश्वरी माता मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी.
- मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक खुले रहते हैं.
- श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है.
कांगड़ा. देवभूमि हिमाचल प्रदेश में 30 अप्रैल से चैत्र नवरात्रों का शुभारंभ हो चुका है. बीते कल पहला नवरात्र था, जिस दौरान जिला कांगड़ा की सभी शक्तिपीठों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा. माता ज्वाला जी, बृजेश्वरी माता मंदिर, चामुंडा नंदीकेश्वर धाम और बगलामुखी माता मंदिर में श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन करने पहुंचे. कांगड़ा के बृजेश्वरी माता मंदिर, जिसे कांगड़ा माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, पूरा दिन भक्तों के जयकारों से गूंजता रहा. पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचे.
51 शक्तिपीठों में से एक कांगड़ा मंदिर
बृजेश्वरी माता मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. मान्यता है कि जब माता सती ने आत्मदाह किया था, तब उनका दाहिना वक्ष इसी स्थान पर गिरा था. माता यहां पिंडी रूप में स्थापित हैं और उनकी पूजा इसी स्वरूप में की जाती है. इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है. सालभर लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचकर माता के चरणों में शीश नवाते हैं. कहा जाता है कि इस शक्तिपीठ में न केवल हिंदू बल्कि मुस्लिम श्रद्धालु भी आकर शीश नवाते हैं. उत्तर प्रदेश के कई लोग इसे अपनी कुलदेवी भी मानते हैं.
व्यवस्थाओं को लेकर पुजारी का बयान
मंदिर के मुख्य पुजारी रामप्रसाद शर्मा ने बताया कि नवरात्रों को लेकर हर वर्ष की तरह इस बार भी सख्त व्यवस्थाएं की गई हैं. प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है और किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो, इसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है. मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खोल दिए जाते हैं और रात 10 बजे तक दर्शन के लिए खुले रहते हैं.