Sunday, November 16, 2025
28 C
Surat

ताकत के मामले में च्यवनप्राश से कम नहीं ये फल… सिर्फ मार्च-अप्रैल में मिलता है, जानें क्या है खूबी!


Last Updated:

Health & Fitness Tips: बालाघाट के वनों में मिलने वाला तेंदू फल फिर से बाजारों में नजर आ रहा है. इसका स्वाद सीताफल जैसा होता है और यह मार्च-अप्रैल में मिलता है. लोग इसे खरीदकर बचपन की यादें ताजा कर रहे हैं. लेकि…और पढ़ें

X

तेंदू

तेंदू का फल

हाइलाइट्स

  • बालाघाट के बाजारों में तेंदू का फल 200 रुपये किलो बिक रहा है.
  • तेंदू का स्वाद सीताफल जैसा होता है, गुदेदार और मीठा.
  • बालाघाट के जंगलों में तेंदू के पेड़ कम होते जा रहे हैं.

बालाघाट. जिले का करीब 53% भाग वनों से ढका हुआ है. यह जिला वन संपदा से भरपूर है. बालाघाट का वन मिश्रित वन है, जहां तेंदू, हिड्डा, बहेड़ा और आंवला सहित कई तरह के पेड़ पाए जाते हैं. यहां के वनों में खाने और पीने के प्राकृतिक पदार्थ आसानी से मिलते हैं. इन्हीं में से एक है तेंदू का फल, जो बालाघाट में काफी प्रचलित है. यह दुर्लभ फल खासतौर पर मार्च और अप्रैल में मिलता है. वर्तमान में बालाघाट के बाजारों में इसकी मांग बढ़ गई है. यह अत्यधिक पौष्टिक और लाभकारी होता है.

बालाघाट के बाजारों में तेंदू का फल बिकने के लिए आ चुका है. ग्रामीण अंचलों के लोग इसे जंगलों से तोड़कर लाते हैं और मंडी के व्यापारियों को बेचते हैं. इसके बाद व्यापारी शहरों में दुकान लगाकर इसे बेचते हैं. राह चलते लोग जब इस फल को देखते हैं, तो तुरंत इसकी खरीदारी करने पहुंच जाते हैं. वर्तमान में यह फल बाजार में करीब 200 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है.

सीताफल जैसा स्वाद
तेंदू का फल गुदेदार होता है. इसके अंदर के बीज बिल्कुल सीताफल की तरह होते हैं. इसका स्वाद भी सीताफल की तरह होता है. यह फल पीले रंग का होता है. इसके छिलके को फेंक दिया जाता है, जबकि अंदर का हल्के पीले रंग का गूदा खाया जाता है. बीजों को अलग कर दिया जाता है. यह अत्यंत गुणकारी है.

फल देखकर जागी बचपन की यादें
फल खरीदने वाले लोगों ने बताया कि इसे देखकर उनके बचपन की यादें ताजा हो गईं. पहले यह फल बहुत आम था, लेकिन अब यह बाजारों में कम ही देखने को मिलता है. इसका स्वाद भी काफी मीठा होता है. लोग इसे इसलिए भी खरीद रहे हैं ताकि अपने बच्चों को इस फल के बारे में बता सकें और उन्हें इसके स्वाद से परिचित करा सकें.

कम होते जा रहे हैं तेंदू के पेड़
बालाघाट अपने मिश्रित वनों के लिए जाना जाता है, लेकिन अब निर्माण कार्यों के चलते जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है. दुर्लभ प्रजातियों के पेड़ भी तेजी से कम हो रहे हैं. तेंदू जैसे कई पेड़ अब जंगलों में कम ही दिखाई देते हैं. शासन और प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान देते हुए इन पेड़ों और वनों को संरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए.

homelifestyle

च्यवनप्राश से कम ताकतवर नहीं ये फल.. सिर्फ मार्च-अप्रैल में मिलता, जानें खूबी!


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/health-this-fruit-is-no-less-powerful-than-chyavanprash-it-is-rare-and-very-tasty-and-found-in-the-forests-know-its-qualities-local18-9146560.html

Hot this week

Topics

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img