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Ram Navami 2025: पलामू के मेदिनीनगर स्थित विष्णु मंदिर में हर साल रामनवमी का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है. यह मंदिर, जिसे महात्मा गांधी ने 1931 में स्थापित किया था, आज भी अपनी ऐतिहासिक अहमियत और भव्यता से …और पढ़ें

विष्णु मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान भगवान विष्णु
हाइलाइट्स
- महात्मा गांधी ने 1931 में विष्णु मंदिर की नींव रखी थी.
- रामनवमी पर विष्णु मंदिर में भव्य आयोजन होता है.
- मंदिर सुबह 6 बजे से रात 1 बजे तक खुला रहता है.
रामनवमी 2025. रामनवमी का त्योहार देश भर में बड़े धूम धाम से मनाया जाता है. झारखंड में भी इसकी धूम देखी जाती है. अपने आपके अखाड़ा के साथ श्रद्धालु महावीर पताका के साथ राम जी के जयघोष से निकलते हैं. वहीं पलामू जिले में आस्था मान्यता का केंद्र है, जिसमें एक प्राचीन मंदिरों में सबसे प्राचीनतम मंदिर में से एक विष्णु मंदिर है, जो कि ट्रस्ट द्वारा संचालित है. वहीं रामनवमी के अवसर पर खास आयोजन होते है.
दरअसल, पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के शहर बाजार में प्राचीन विष्णु मंदिर है. यह मंदिर अंग्रेजों के शासन काल में बनाया गया था, जो की अपने नक्कासी और खूबसूरती से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां रामनवमी के अवसर पर भव्य आयोजन होता है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं. इस दौरान सुबह 6 बजे से रात 1 बजे तक भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस दौरान बड़े धूम धाम से प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है.
1931 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने रखा था आधारशिला
विष्णु मंदिर ट्रस्ट के सचिव श्रवण सोनी ने लोकल18 को बताया की इस विष्णु की आधारशिला राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा रखा गया था. जो कि अंग्रेजों के शासन काल के दौरान सन 1931 में रखा गया था, जिसके बाद 1936 में भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के द्वारा मंदिर का उद्घाटन किया गया. तबसे यहां प्रभु श्री राम जन्मोत्सव मनाया जाता रहा है. खास बात है की यह मंदिर तबसे सभी जाति और धर्म के लोगों के खुला रहता है. इस मंदिर को बनाने में बहुमूल्य योगदान विष्णु शाहू का रहा है.
रामनवमी में होता है खास आयोजन
मंदिर के पुजारी कमल किशोर ने लोकल18 को बताया कि यह मंदिर रामनवमी के अवसर पर खास तौर पर सजाया जाता है. इस दौरान बड़े भव्यता से भगवान श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है.इस दौरान राम भक्तों के लिए शरबत की भी व्यवस्था रखती है. अमूमन यह मंदिर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक बंद रहता है, लेकिन रामनवमी के अवसर पर सुबह 6 बजे से रात 1 बजे तक खुला रहता है.
चांदी के सिंहासन पर विराजमान है कमल नयन
उन्होंने बताया की इस मंदिर का मुख्य दरबार में भगवान श्री हरि विष्णु जी का है, जहां की भगवान विष्णु चांदी के सिंहासन पर विराजमान है. वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम राम और सीता, हनुमान जी का दरबार है. मंदिर दाई ओर राधा – कृष्ण, और लड्डू गोपाल विराजमान है. जबकि बाई ओर शिव परिवार विराजमान है. इसके साथ साथ विष्णु मंदिर में एक अखाड़ा भी है.जहां की पहले के समय में लोग कुस्ती खेल करते थे. वहीं मंदिर परिसर में एक पुस्तकालय भी है जहां 2000 से अधिक पुरानी किताबें है. इसके अलावा बिहार में डुमरिया अंचल में मंदिर के नाम पर लगभग 100 एकड़ जमीन है.