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अक्सर भारतीय घरों में शनिवार के दिन खिचड़ी खाई जाती है. पर कभी सोचा है, ऐसा क्यों होता है? इसका संबंध शनिदेव से है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव किसी व्यक्ति को उसके अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार फल देत…और पढ़ें

अक्सर भारतीय घरों में शनिवार के दिन खिचड़ी खाई जाती है.
हाइलाइट्स
- शनिवार को खिचड़ी खाना स्वास्थ्य और ज्योतिष दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
- शनिदेव को शांत रखने के लिए उड़द दाल की खिचड़ी खाई जाती है.
- शनिदेव कर्मों के अनुसार फल देते हैं, अच्छे कर्मों से आशीर्वाद मिलता है.
भारतीय रसोइयों में आपको कई तरह का भोजन बनता मिल जाएगा. उत्तर भारत में जहां रोटी और सब्जी खाई जाती है, वहीं साउथ में चावल, इडली या डोसा जैसे भोजन सामान्य हैं. लेकिन एक ऐसा व्यंजन है जो उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक, आपको हर जगह खाने को मिल जाएगा. हम बात कर रहे हैं खिचड़ी की, जो हर घर में बनती है. आपने अपनी दादी-नानी के दौर से ही देखा होगा कि अक्सर भारतीय घरों में शनिवार के दिन खिचड़ी खाई जाती है. पर कभी सोचा है, ऐसा क्यों होता है? शनिवार के दिन खिचड़ी खाना स्वास्थ्य के साथ-साथ ज्योतिष की दृष्टि से भी अहम है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
ज्योतिष शास्त्र में शनिदेव को न्याय के देवता माना जाता है, तो आपके कर्मों के अनुसार आपके जीवन में न्याय करते हैं. ऐसे में शनिवार के दिन सात्विक भोजन कर के आप शनिदेव को शांत रख सकते हैं. ज्योतिष में शनिदेव ऐसे ग्रह हैं, जिनसे हर कोई डरता है. हालांकि ये भी उतना ही सच है कि शनिदेव अगर आपसे प्रसन्न हैं तो आपकी प्रगति कोई नहीं रोक सकता. ऐसा माना जाता है कि शनिवार को खिचड़ी खाने से शनिदेव शांत रहते हैं और इससे इंसान को शुभ फल की प्राप्ति भी होती है. ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन अरहर दाल की नहीं, बल्कि उड़द दाल की खिचड़ी खानी चाहिए. क्योंकि इससे शनि दोष से मुक्ति मिलती है और कष्ट दूर होते हैं. शनिवार के दिन घर में खिचड़ी बनने से घर का माहौल शांत रहता है.
कौन हैं शनिदेव
शनि देव को कर्मफल दाता माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव किसी व्यक्ति को उसके अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं. शनिदेव के पिता सूर्य और माता छाया (संवर्णा) हैं. जबिक उनका वाहन कौआ या गिद्ध है. इनका रंग गहरा नीला या काला होता है. शनि को गंभीर, न्यायप्रिय और कर्म के अनुसार फल देने वाला ग्रह माना जाता है. शनि की दशा और साढ़े साती किसी भी व्यक्ति के जीवन में कठिन परीक्षा का समय माना जाता है. अगर शनि शुभ हो तो व्यक्ति को अनुशासन, परिश्रम, सफलता और सम्मान मिलता है. वहीं अगर शनि अशुभ हो तो अवसाद, बाधाएं, असफलता और संघर्ष बढ़ सकते हैं.
शनि देव किसी के शत्रु नहीं होते, बल्कि वे केवल कर्मों का न्यायसंगत फल देते हैं. अच्छे कर्म करें, धैर्य और परिश्रम से काम लें, तो शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
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https://hindi.news18.com/news/astro/astro-tips-why-do-people-eat-khichdi-on-saturday-to-calms-shani-dev-know-its-significance-shaniwar-ko-khichdi-kyon-khana-chahie-9152058.html